एसएसपी नोएडा ने किया बड़ा खुलासा, अपहरण कर रकम वसूलने वाले गेंग का किया पर्दाफास

नोएडा में 18 अप्रैल की रात्रि में मैट्रो इन्फोसुलेशन प्रा0लि0 डी-242 सैक्टर-63 के मैनेजर पारितोष का अज्ञात बदमाशों द्वारा अपहरण किया गया था, जिनको छोडने के लिए बदमाशों के द्वारा फिरौती के रूप में 10 लाख रूपये की माॅग की गयी थी। नोएडा पुलिस की सक्रियता के चलते इस केस का खुलासा एसएसपी वैभव कृष्ण ने किया।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि घटना का मुख्य सूत्रधार अरूण यादव है जिसने सूर्या व अंकित के साथ मिलकर उक्त घटना की योजना बनाई। अरूण विगत में डी-242 सै0-63 के एस-19 में टैंक एलाॅयस साॅल्यूशन नाम के काॅल सैन्टर का संचालन करता था। डी-242 के गा्रउण्ड फ्लोर पर साहिल वर्मा के द्वारा भी एक काॅल सैन्टर का संचालन किया जा रहा था। आकाश श्रीवास्तव, साहिल वर्मा के काॅल सैन्टर में कार्य करता था। वर्ष 2018 में सायबर सैल द्वारा साहिल वर्मा के काॅल सैन्टर पर रैड की गयी और साहिल वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था एवं काॅल सैन्टर बन्द हो गया था। उसी के चलते अरूण ने भी अपना काॅल सैन्टर बन्द कर दिया था एवं आकाश डी-242 सै0-63 में वैभव सिंघल की कम्पनी मैट्रो इन्फोसुलेशन प्रा0लि0 में कार्य करने लगा।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2019 में अरूण के द्वारा पुनः डी-242 में काॅल सैन्टर शुरू किया गया परन्तु सफल न होने के कारण फरवरी 2019 में बिना किराये का भुगतान किये फरार हो गया था। उसी दौरान कोलकता स्थित एक काॅल सैन्टर को धोखाधडी के माध्यम से प्राप्त होने वाले 25,000 डाॅलर के ट्राॅसफर हेतु यू.एस.ए के फर्जी खाते को उपलब्ध कराने हेतु अरूण से सम्पर्क किया गया जिसने आकाश के द्वारा दिये गये यू.एस.ए के फर्जी खाते में पैसे ट्राॅसफर कराये। आकाश के द्वारा 25000 डाॅलर अरूण को वापस नही दिये गये। उन्हीं रूपयों को लेकर दोनों में विवाद था।
एसएसपी ने कहा कि उक्त बात अरूण के द्वारा अपने दोस्त सूर्या को बताई तथा आकाश को धमकाकर अपना रूपया वापस लेने की योजना बनाई। सूर्या ने उक्त कार्य के लिए अंकित गुर्जर (सूर्या एवं अंकित की दोस्ती जेल में हुई थी) से बात की और अरूण की मुलाकात कराई। योजना के अनुसार दिनाॅक 18/19-4-19 की रात्रि अरूण, सूर्या, अंकित एवं अन्य सभी लोग सै0-62 में एकत्र हुए। अरूण के द्वारा सभी को आकाश का हुलिया और फोटो दिखाई गई। उसके बाद सभी घटना को अंजाम देने के लिए डी-242 सै0-63 के पास आये। अरूण कम्पनी से पहले ही रूक गया था। डी-242 कम्पनी में जाकर सूर्या व अंकित ने आकाश से बात की और 10 लाख देने को कहा। आकाश के द्वारा सूर्या व अंकित से कहा गया कि इस समय मेरे पास इतना पैसा नही है, दिल्ली से पैसो का इतजाम करा सकता हूॅ।
एसएसपी ने बताया कि सूर्या एवं अंकित ने अपने 10-12 अन्य साथियों के साथ मिलकर आकाश के मैनेजर पारितोष का अपहरण कर लिया। उसके बाद पारितोष के फोन से ही कम्पनी के मालिक व आकाश से 10 लाख रू0 की माॅग करने लगे और मालिक (वैभव सिंघल) को रूपया लेकर एम्स दिल्ली के पास बुलाया था, परन्तु बदमाशों ने अपने को पुलिस से घिरा देखकर अपहृत पारितोष को एम्स से आगे छोडकर भाग गये। अंकित गुर्जर पेशेवर अपराधी है जिसका अपना गैंग है, जिस पर हत्या, लूट आदि के कई अभियोग जनपद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत एवं दिल्ली में पंजीकृत है।
पुरस्कारः- एसएसपी वैभव कृष्ण ने अनावरण व गिरफ्तारी में विशेष योगदान करने वाले उप निरिक्षक धर्मेन्द्र कुमार शर्मा व स्टार-1 टीम को 5000 रू0 नगद/प्रशस्ति पत्र एवं क्षेत्राधिकारी नगर द्वितीय पीयूष कुमार सिंह को प्रभावी पर्यवेक्षण हेतु प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया है।