उत्तर प्रदेश

24 घंटे में पुलिस ने खुलासा कर मास्टरमाइंड नौकर समेत तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

सुजीत गुप्ता
30 Aug 2021 9:31 AM GMT
24 घंटे में पुलिस ने खुलासा कर मास्टरमाइंड नौकर समेत तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
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लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में शनिवार सुबह बुर्कापोश बदमाशों ने जेआर काम्पलेक्स में घुस कर तमंचे के बल पर 15 लाख रुपये के गहने लूट लिए थे। लेकिन पुलिस ने जांच में तेजी दिखाते हुए 24 घंटे के अंदर खुलासा कर मास्टरमाइंड नौकर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से लूटे गए पूरे गहनों के साथ ही अन्य सामान व वारदात में इस्तेमाल कार बरामद हुई है।

एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि वारदात कर बदमाश के भागने के डेढ़ मिनट बाद नौकर के दुकान से निकलने, शोर नहीं मचाने समेत अन्य कारणों से उसकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही थी। सीपी, डीसीपी (पूर्वी) व गोमतीनगर विस्तार थाने की क्राइम टीम ने सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस व अन्य माध्यमों से सुराग लगाकर 24 घंटे में वारदात का खुलासा किया है।

एसीपी ने बताया कि आर्यन का नौकर प्रदीप रावत ही वारदात का मास्टरमाइंड था। उसने अपने साथी इमरान निवासी अवधपुरी खंड-2, गीतापुरी चौराहा, खरगापुर व संदीप गुप्ता निवासी वशिष्ठ विहार कॉलोनी, रामआसरे पुरवा, गोमतीनगर विस्तार के साथ मिलकर साजिश रची थी।

गोमतीनगर विस्तार इंस्पेक्टर राजेश द्विवेदी ने बताया कि प्रदीप रावत उर्फ बउवा निवासी रामआसरे पुरवा के साथ ही इमरान व संदीप गुप्ता को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के पास से लूटे गए पूरे गहनों के साथ ही वारदात में इस्तेमाल बुर्का, लेडीज सूट, जूते व संदीप की कार बरामद हो गई है।

एसीपी श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदीप का दोस्त इमरान शनिवार को बुरका पहनकर दुकान गया था। पहले उसने प्रदीप की मदद से बैग में गहने भरे और फिर उसके हाथों में टेप लपेटकर भाग गया था। सीसीटीवी फुटेज व स्थानीय लोगों से पूछताछ कर पुलिस टीम को वह स्थान पता चला, जहां से वो कार में बैठकर भागा था। फुटेज में कार का नंबर भी ट्रेस हो गया। ये कार संदीप गुप्ता की थी। उसने ही वारदात के बाद इमरान को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया था।

गोल्ड हाउस ज्वैलरी शॉप के मालिक आर्यन सोनी व उनकी बहन शिल्पी ने वारदात के त्वरित खुलासे और पूरा माल बरामद करने पर पुलिस का आभार जताया है। आर्यन व शिल्पी का कहना है कि खुलासे से न सिर्फ राहत की सांस ली बल्कि पुलिस पर विश्वास भी बढ़ा है। हालांकि 10 साल की उम्र से अपने यहां नौकरी कर रहे भरोसेमंद नौकर प्रदीप की करतूत से पूरा परिवार आहत है।

बतादें कि रामआसरे का पुरवा निवासी आर्यन सोनी उर्फ अंशू की गीतापुरी कॉलोनी स्थित जेआर काम्पलेक्स में गोल्ड हाउस के नाम से दुकान है। आर्यन के मुताबिक सुबह दुकान खोलने का जिम्मा नौकर प्रदीप उर्फ बउवा पर है। शनिवार सुबह भी प्रदीप घर से चाभी लेकर दुकान पहुंचा था। करीब 11 बजे प्रदीप ने दुकान खोल दी थी। जिसके बाद वह साफ सफाई कर रहा था। नौकर के अनुसार 11.30 बजे करीब बुर्का पहन कर एक महिला जेवर खरीदने के लिए आई थी।

उसने इशारे से जेवर दिखाने के लिए कहा। जिसके बाद प्रदीप ने सोने के कंगन, चेन और अंगुठी निकाल कर काउंटर पर रख दिए। प्रदीप के मुताबिक वह दूसरी डिजाइन के जेवर निकालने के लिए पीछे मुड़ा था। तभी बुर्का पहने शख्स ने बैग में से तमंचा निकाल कर तान दिया। असलहा देख कर वह सहम गया था। जिसका फायदा उठाते हुए बदमाश ने टेप लपेट कर उसके हाथ बांध दिए थे। प्रदीप को बंधक बनाने के बाद लुटेरे ने काउंटर में रखे सारे गहने समेट कर बैग में रख लिए।

प्रदीप के मुताबिक बदमाश के भागने के बाद वह उसके पीछे गया था। साथ ही मालिक आर्यन को फोन कर वारदात की जानकारी दी थी। नौकर के अनुसार बदमाश बैग में जेवर भरकर दुकान से सटी गली से होता हुआ भागा है। अंदेशा है कि कुछ दूरी पर बदमाश का साथी भी मौजूद था।

दुकान मालिक आर्यन के मुताबिक प्रदीप करीब चार साल से उनके साथ काम कर रहा है। कई सालों का साथ होने के कारण आर्यन को नौकर पर विश्वास हो गया था। वह उसके भरोसे ही दुकान छोड़ देते थे। आर्यन के अनुसार शनिवार को प्रदीप ने आम दिनों की अपेक्षा लॉकर से अधिक गहने निकाल कर काउंटर पर रखे थे।

आर्यन के इस बयान से पुलिस का नौकर पर संदेह गहरा गया है। वहीं, प्रदीप ने पुलिस को बताया कि लूट कर भाग रहे बदमाश को पकड़ने के लिए उसने पड़ोसी से बाइक मांगी थी। जिससे वह काफी दूर तक पीछा करता हुआ गया था। लेकिन लुटेरे को पकड़ नहीं सका था। जिसके बाद वापस लौट कर उसने वारदात की सूचना पुलिस को दी थी।

मुन्ना जी की पत्नी चंदा स्वामी व बेटी शिल्पी ने बताया कि दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, मगर प्लग टूटने के चलते कई दिन से बंद हैं। इसकी जानकारी नौकर प्रदीप व मालिक अंशू के अलावा किसी को नहीं थी। नौकर दुकान के भीतर हमेशा आगे की कुर्सी पर बैठता था। पूरी दुकान में शीशे लगे होने के कारण ये कुर्सी बाहर से दिखती है मगर आज वारदात के वक्त नौकर पीछे की कुर्सी पर बैठा था। लूटपाट कर बदमाश के भागने पर नौकर सिर्फ दो-तीन सेकेंड में बाहर निकलकर शोर मचा सकता था मगर वह करीब डेढ़ मिनट बाद बाहर निकला और शोर भी नहीं मचाया। ऐसे में उसकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। शिल्पी ने बताया कि नौकर प्रदीप का बड़ा भाई संदीप रावत इलाके का अपराधी है। इस वजह से घटना के बाद से पूरा परिवार सहमा है।

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