प्रयागराज

नहीं होगा अतीक का एनकाउंटर, सुनाई जा सकती है फांसी की सजा?

Shiv Kumar Mishra
27 March 2023 9:32 AM GMT
नहीं होगा अतीक का एनकाउंटर, सुनाई जा सकती है फांसी की सजा?
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अतीक अहमद की गाड़ी अब पलटने वाली नहीं है उसे कल कोर्ट में फांसी की सजा सुनाए जाने की उम्मीद है।

क्या अतीक को फांसी की सजा हो सकती है? विधि के जानकार बताते हैं कि ऐसा संभव है उसके कई पहलू है जो इस सजा को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। आगे कोर्ट के आदेश का कल इंतजार रहेगा। अतीक अहमद पर अब तक कुल 160 मामले दर्ज हो चुके हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक माफिया को इनमें से किसी एक मामले में भी कोई सजा नहीं हुई। कुछ केसों में गुनाह साबित नहीं हुए तो कुछ में अब तक सुनवाई नहीं होने से सजा से बच निकला। लेकिन इस बार अतीक ही नहीं बल्कि अतीक का परिवार कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएगा। उमेश पाल अपहरण केस मामले में अतीक और उसके भाई अशरफ प्रयागराज एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश किया जाना है। इसके लिए अलग अलग जेलों में बंद दोनों को प्रयागराज लाया जा रहा है।

इस मामले में अतीक और अशरफ को लाया जा रहा प्रयागराज

यूपी पुलिस माफिया और बाहुबली अतीक अहमद को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज लेकर पहुंच रही है। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। कल यानी मंगलवार 28 मार्च को एमपी/एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में अतीक और बरेली जेल में बंद उसका भाई अशरफ आरोपी हैं। अशरफ को भी बरेली से प्रयागराज लाया जाएगा। 2006 में अतीक अहमद के इशारे पर उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। पाल ने 2007 में अतीक और उसके भाई अशरफ पर किडनैपिंग का केस दर्ज कराया था। दरअसल, उमेश पाल साल 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले का अहम गवाह था। इसीलिए उसकी अतीक अहमद से भयानक दुश्मनी हो गई थी। अतीक ने कई बार उस पर जानलेवा हमले करवाए थे। 24 फरवरी 2023 की शाम आखिरकार वह सफल रहा और उसके गुर्गों और बेटों ने मिलकर हत्या कर दी।

17 साल की उम्र में कत्ल का दर्ज हुआ था मुकदमा

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद पर 17 साल की उम्र में पहला मुकदमा दर्ज हुआ। साल 1979 में एक हत्या के मामले में आरोपी के रूप में नाम आने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसके अतिरिक्त अतीक अहमद पर हत्या, फिरौती, हत्या के प्रयास, रंगदारी, अपहरण जैसे 160 आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें कुछ बड़े केस इस प्रकार हैं – 1989 में इलाहाबाद में चांद बाबा की हत्या, 2002 में नस्सन की हत्या, 2004 में बीजेपी नेता अशरफ का मर्डर और 2005 में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या का मामला दर्ज है।

अतीक अहमद के भाई अशरफ का भी साल 1992 से ही आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। अभी तक बरेली जेल में बंद था। पेशी के लिए पुलिस प्रयागराज ला रही है। इसमें प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में अपहरण का मामला और रायबरेली और चंदौली जिलों में दर्ज अन्य मामले शामिल है। बता दें कि पुलिस ने अशरफ की 27.33 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

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