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महंत आशीष गिरी आत्महत्या मामला: जांच के दौरान सामने आया चौंकाने वाला सच
प्रयागराज: निरंजनी अखाड़े के आश्रम में रविवार को महंत आशीष गिरी द्वारा अचानक आत्महत्या कर लेने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्राथमिक जांच में ही पुलिस को एक गोली चलने और दो खोखे मिलने के कारण मामला शुरू से ही पेचीदा हो गया है। अब महंत आशीष को लेकर चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
पुलिस की जांच में पता चला है कि महंत आशीष ने आत्महत्या करने से पहले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने कुछ देर में नाश्ते पर आने की बात कही थी, लेकिन कुछ देर बाद अपने कमरे में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए।
जांच करने पहुंची पुलिस को आश्रम के साधु-संतों से पूछताछ में हैरान करने वाली बात पता चली। अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि आशीष गिरी का किडनी और लिवर खराब हो गया था। उनका पहले वाराणसी और फिर देहरादून के एक निजी अस्पताल में इलाज भी चल रहा था। किसी दवा के 'रिएक्शन' से शरीर पर चकत्ते निकल आए थे।
इलाज के दौरान ही जांच में डॉक्टर ने बताया था वह अधिक शराब पीते हैं, जिससे उनका लिवर खराब हो गया है। उन्हें समझाने और भरोसा दिलाने की कई बार कोशिश की गई कि सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन बीमारी से हताश-निराश होने और शराब पीने की बात संतों के बीच में फैलने के बाद आत्मग्लानि में उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया।