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SSP राजीव नारायण मिश्र के नेत्रत्व में STF की बड़ी कामयाबी, प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसा लेकर धांधली एवं नकल कराने वाले अन्तप्र्रान्तीय गिरोह का पर्दाफास
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की भर्ती में धांधली एवं नकल कराने वाले अन्तप्र्रान्तीय गिरोह के 5 सदस्यों को जनपद प्रयागराज से गिरफ्तार करके उनके कब्जे से परीक्षाओं में नकल कराने से सम्बन्धित भारी संख्या में उपकरण, अभिलेख एवं बड़ी संख्या में विभिन्न धनराशियों के 'चेक' बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। इस गिरफ्तारी का खुलासा एसएसपी राजीव नारायण मिश्र ने किया।
विगत कुछ दिनों से एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विभिन्न स्रोतों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कतिपय शातिर अपराधियों द्वारा विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों से भर्ती हेतु धन लेकर धांधली की जा रही है। इस सम्बन्ध में अमिताभ यश, पुलिस महानिरीक्षक, एसटीएफ के निर्देशन पर राजीव नारायण मिश्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ द्वारा एसटीएफ की विभिन्न ईकाइयों/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में अमित कुमार, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, वाराणसी/प्रयागराज यूनिट के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार पाण्डेय एवं पुलिस उपाधीक्षक, नवेन्दु कुमार के पर्यवेक्षण में एसटीएफ फील्ड इकाई प्रयागराज के निरीक्षक केशव चन्द्र राय व अतुल कुमार सिंह के नेतृत्व में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
इसी क्रम में प्रयागराज फील्ड इकाई को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आगामी दिनों में 'लोवर सबार्डिनट' वर्ष 2019 के पदो हेतु होने वाली परीक्षा में अवैधानिक रूप से धन प्राप्त कर अभ्यर्थियों को विभिन्न तरीको से पास कराने वाले गिरोह के कुछ सदस्य शिवकुटी थाना क्षेत्र के आलू गोदाम तिराहा, तेलियरगंज के पास एकत्रित होकर कुछ 'प्लानिंग' कर रहे हैं, मुखबिर द्वारा प्राप्त सूचना की पुष्टि अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचनाओ से भी होने पर एसटीएफ टीम द्वारा स्थानीय पुलिस बल को साथ लेकर तत्काल उक्त स्थान पर पहुॅच कर देखा गया तो लाल रंग की मारूति ब्रेजा यूपी-70 ई0यू0 2001 में 05 संदिग्ध व्यक्ति आपस में बातचीत करते हुए दिखे, जिस पर एसटीएफ टीम द्वारा उपरोक्त पांचों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुयी है।
अलग-अलग एवं एक साथ पूछताछ करने पर गिरोह के सरगना अभियुक्त अहमद अली़ ने बताया कि 'लोवर सबार्डिनेट' वर्ष 2019 की होने वाली आगामी परीक्षा (30 सितम्बर व 01 अक्टूबर-2019) में अभ्यर्थियों को पास कराने हेतु 'इलेक्ट्रानिक डिवाइसों, बैट्री, इयरफोनों, थम्ब इम्प्रेशन' आदि का प्रयोग करने और इस सम्बन्ध में लेन-देन आदि के बारे में बातचीत करने हेतु हम लोग यहां एकत्रित हुए थे। पूछताछ के क्रम में अहमद अली ने बताया कि वह वर्ष 1992 में प्रथम बार प्रयागराज आया था। आईआरटी प्रयागराज से 'इन्स्ट्रूमेन्टंेशन' एण्ड कन्ट्रोल विषय में डिप्लोमा करने के पश्चात 'सिविल सर्विसेज' की तैयारी करने लगा, इसी दौरान जगरूप यादव नि0 लखरइया नवाबगंज जनपद प्रयागराज से अहमद अली की मुलाकात हुई। जगरूप यादव विभिन्न भर्ती प्रतियोगी परीक्षाओं में 'साल्वर' बैठाने से लेकर भर्ती कराने तक की 'सेटिंग' का काम करता था। चूॅकि अहमद अली 'सिविल सेवा' की तैयारी कर रहा था इसलिए जगरूप यादव ने उसको पैसों का लालच देकर 'बी0एड' इत्यादि की परीक्षाओं में 'साल्वर' के रूप में बैठाने लगा। सिविल सेवा की परीक्षाओं में 'सेलेक्शन' न होने तथा 'साल्वर' के रूप में काम करते-करते अहमद अली स्वंय भी जगरूप यादव के साथ मिलकर काम करने लगा। इससे उसको अच्छा पैसा भी मिलने लगा अभियुक्त द्वारा बताई गयी बातों का सत्यापन किया जा रहा है। यह भी बताया कि कुछ समय पश्चात जगरूप यादव की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। जगरूप यादव की मौत के पश्चात उसका सारा काम उसके द्वारा देखा जाने लगा तथा उसके द्वारा विभिन्न भर्ती प्रतियोगी परीक्षाओं में 'साल्वर' बैठाकर, 'इलेक्ट्रानिक डिवाइसेस' के माध्यम से फर्जीवाड़ा किया जाने लगा।
गैंग के काम करने के तरीके के बारे में पूॅछने पर अहमद अली और गिरोह के सदस्यों ने बताया कि सर्वप्रथम गैंग में शामिल व्यक्तियों के माध्यम से 'कैन्डीडेट्स' की व्यवस्था करके उनके 'एडमिट कार्ड' व फोटो को प्राप्त किया जाता है। जो 'कन्डीडेट' गिरोह द्वारा मांगी गई धनराशि उपलब्ध कराने हेतु तैयार हो जाते हैं उनसे वांछित धनराशि का बिना दिनांक के 'चेक' और शैक्षिक अभिलेखों की मूल प्रति परीक्षा से पहले ही ले ली जाती है। अभ्यर्थी के सफल होने की स्थिति में चेक की धनराशि प्राप्त हो जाने के बाद ही अभ्यर्थियों के मूल शैक्षिक अभिलेख उन्हें वापस किये जाते हैं। गैंग में शामिल व्यक्तियों के माध्यम से 'इलेक्ट्रानिक डिवाइसेस' लगी 'शर्ट' अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराई जाती हंै। इन नई 'शर्टो' में 'इलेक्ट्रानिक डिवाइस' जिनमें 'सिम कार्ड' लगाया जा सकता है, इस प्रकार 'फिट' कराया जाती है कि 'सिम' लगने वाली 'डिवाइस' व उससे 'कनेक्टेड वायर' बाहर से दिखाई न पडे़। उक्त 'डिवाइस' कपड़े के अन्दर सिले 'कनेक्टिंग वायर' के जरिए बटननुमा सूक्ष्म 'मैगनेटिक ईयरफोन' के सम्पर्क में रहती है। कान में लगने वाला उक्त 'इयरफोन' बटन से भी छोटे आकार का है और कान के अन्दर जाने पर बाहर से बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ता। परीक्षा देने के बाद अभ्यर्थी द्वारा गिरोह के सदस्यों के सहयोग से चुम्बक के माध्यम से उक्त 'इयरफोन' को बाहर निकाल लिया जाता है। बाहर बैठे गिरोह के लोग एक बार में 50 'कैन्डीडेट्स' को इस 'डिवाइस' के माध्यम से फोन से 'कनेक्ट' होकर नकल करा सकते हैं। 'डिवाइस' लगी इस प्रकार की एक 'शर्ट' की कीमत लगभग 10 हजार रूपये है, जो दिल्ली से मंगाई जाती है।
उक्त गिरोह द्वारा भर्ती परीक्षाओं में 'साल्वर' के माध्यम से भी परीक्षार्थियों को पास कराने का काम किया जाताा है। इसके लिए पहले से तय 'साल्वर' की फोटो व 'ओरिजनल कैन्डीडेट्स' के फोटो की 'मिक्सिंग' करके नया फोटो तैयार कर 'एडमिट कार्ड' में लगा दिया जाता है। कभी-कभी 'साल्वर' को 'सेटिंग' कर बैठा तो देते हैं और परीक्षार्थी सफल भी हो जाता है, परन्तु परीक्षा हाल में 'साल्वर' के 'थम्ब इम्प्रेशन' होने के कारण 'फाइनल कैन्डीडेट वेरीफिकेशन' में 'ओरिजनल कैन्डीडेट' का 'थम्ब इम्प्रेशन मैच' नही करता है। इस काम के लिए गिरोह द्वारा कुछ भर्ती परीक्षा केन्द्रों के एकाध कर्मचारियों को भी पैसे का लालच देकर अपनी तरफ मिला लिया जाता है (जैसे आर0आर0सी0 प्रयागराज में कर्मचारी जयसिंह) तथा परीक्षा में बैठे 'साल्वर' का 'थम्ब इम्प्रेशन' बनवाकर 'ओरिजनल कैन्डीडेट' का 'फाइनल वेरीफिकेशन' आसानी से करवा लेते हैं। इस तरह का 'थम्ब इम्प्रेशन' प्रयागराज के एक व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, जो प्रति 'थम्ब इम्प्रेशन' 6 हजार रूपया लेता है। गिरोह के सदस्य अरूण यादव का सम्पर्क पटना के महेन्द्रू स्थित म्योर 'हास्टल' (लाॅ0 कालेज) के छात्रो से है। इस गिरोह द्वारा अधिकांशतः इसी कालेज से छात्रों को 'साल्वर' के रूप में परीक्षा में बैठाने का काम लिया जाता रहा है। इसके एवज में छात्रों को एक परीक्षा के लिए 20 से 25 हजार रूपये तक मिल जाते हैं। गिरोह द्वारा आपसी बातचीत में 'साल्वर' को 'स्कालर' के नाम से तथा उसके द्वारा कराई जाने वाली नकल को 'स्कालरिंग' के नाम से सम्बोधित किया जाता है। अभियुक्तों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि पूरा गिरोह आगामी 30 सितम्बर व 01 अक्टूबर को आयोजित होने वाली उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 'लोवर सबार्डिनेट्स' 2019 की परीक्षा में ऐसे ही 'साल्वरो' व 'इलेक्ट्रानिक डिवाइसेस' के माध्यम से धांधली करने की पूरी तैयारी मे था। इस सम्बन्ध मंे विस्तृत छानबीन सत्यापन की कार्यवाही जारी है। इस सम्बन्ध में थाना शिवकुटी, जनपद-प्रयागराज में अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम कार्यवाही थाना शिवकुटी स्तर पर की जा रही है।
बरामदगीः-
1- 07 अदद फुल बांह का 'शर्ट' जिनमें 'इलेक्ट्रानिक डिवाइस फिट' किया हुआ है।
2- 01 अदद 'इलेक्ट्रानिक डिवाइस' मय स्पीकर मय बैटरी।
3- 15 अदद 'डिवाइस बैटरी' (03 खुली हुई व 12 पैक्ड)
4- 37 अदद 'इयरफोन मैगनेट' (25 अदद छोटा व 12 बड़ी)
5- 13 अदद 'थम्ब इम्प्रेसन प्लास्टिक' के पैकिंग में अभ्यर्थियों के नाम सहित।
6- 02 अदद मुहरें (मेडिकल आफीसर सी0एम0ओ0 आफिस, इलाहाबाद व अधि0 अभियन्ता, प्रान्तीय खण्ड, लो0नि0वि कौशाम्बी के नाम की)।
7- 48 अदद 'चेक' विभिन्न बैंको के (01 करोड़ 24 लाख नौ सौ रूपये के 23 चेक भरे हुए तथा 25 'चेक ब्लैंक')
8- 05 अदद आधार कार्ड।
9- 02 अदद मतदाता पहचान पत्र।
10- 04 अदद पेन ड्राइव।
11- 04 अदद वाहन (01 ब्रीजा कार, 01 अपाचे, 01 स्प्लेण्डर व 01 होण्डा एक्टिवा मोटर साइकिल)
12- 10 अदद मोबाइल फोन।
13- 134 अदद एडमिट कार्ड विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की छायाप्रति।
14- 103 अदद मूल प्रमाण पत्र अभ्यर्थियों के।
15- 01 अदद छायाप्रति प्रमाण पत्र एक अभ्यर्थी का।
16- 87 अदद विभिन्न अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र, अंकपत्र, एडमिट कार्ड, बुकलेट मय चेक।
17- 09 अदद एटीएम
18- 03 अदद पैन कार्ड
19- 01 अदद ड्राइविंग लाइसेंस।
20- 01 अदद पोकेट डायरी
21- 135 पेज 'स्क्रीन शाट' अहमद अली के मोबाइल से।
22- नगद रू0 42,100/-