उत्तर प्रदेश

किसान नेता राकेश टिकैत का ऐलान, नहीं लडूंगा कोई भी चुनाव, राजनीतिक दल अपने पोस्टर पर न करें मेरी फोटो का इस्तेमाल

Special Coverage Desk Editor
16 Dec 2021 10:11 AM IST
किसान नेता राकेश टिकैत का ऐलान, नहीं लडूंगा कोई भी चुनाव, राजनीतिक दल अपने पोस्टर पर न करें मेरी फोटो का इस्तेमाल
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किसान नेता 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे. एसकेएम ने अपने बयान में कहा था कि अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं.

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बुधवार को कहा कि वो कोई नहीं लड़ने जा रहे हैं और उन्होंने राजनीतिक दलों से अपने पोस्टरों (Posters) में उनके नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया. दिल्ली से लौटने पर टिकैत का मेरठ (Meerut) में किसानों ने जोरदार स्वागत किया.

टिकैत ने एएनआई से कहा कि मैं कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं और किसी भी राजनीतिक दल को अपने पोस्टर में मेरे नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक समिति बनाने के बादे के साथ साल भर से चल आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा कर दी थी. इसी के साथ केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस करने की भी वादा किया है.

किसान ट्रेक्टरों और ट्रकों के बड़े काफिल में अपने अपने राज्यों की ओर वापस लौट रहे हैं. ठीक उसी तरह जिस तरह वो एक साल पहले दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर औऱ टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध करने पहुंचे थे. किसान नेता 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे. एसकेएम ने अपने बयान में कहा था कि अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं.

किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे. हालांकि लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया. 19 नवंबर को पीएम मोदी ने घोषणा की कि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में आवश्यक विधेयक लाएगा.

बॉर्डर छोड़ने से पहले सुबह हवन पूजन और प्रसाद में हलवा वितरण किया गया. इसके बाद भारत माता की जयकार व देशभक्ति के गीतों के बीच विजय यात्रा में शामिल किसान अपने गंतव्य को रवाना हुए. इस दौरान टिकैत ने कहा कि आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी-कड़वी और मीठी यादें हमेशा साथ रहेंगी.

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में आंदोलन शुरू किया था और हाल ही में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को रद्द कर दिया था जिसके बाद किसानों की घर वापसी हुई है. टिकैत ने गाजीपुर से रवानगी के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी साझा किए. टिकैत ने ट्वीट किया किया13 महीने सड़क पर संघर्ष, आज घर वापसी देश के नागरिकों का हार्दिक आभार.

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