उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी : राम भरोसे चल रही है उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था, सरकार को दिए ये 5 सुझाव

Arun Mishra
18 May 2021 9:11 AM IST
इलाहाबाद हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी : राम भरोसे चल रही है उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था, सरकार को दिए ये 5 सुझाव
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ग्रामीण इलाकों में मेडिकल सुविधाओं के अभाव व कम जांच पर हाईकोर्ट ने की टिप्पणी?

कोरोना महामारी ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है. कोरोना की दूसरी लहर में देश में हालात बदतर हो गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के छोटे शहरों, कस्बों व ग्रामीण इलाकों में संक्रमण तेजी से बढ़ने तथा मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। इसमें तत्काल सुधार की आवश्यकता है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिजनौर का उदाहरण लिया. इस सुनवाई में डीएम बिजनौर ने कहा कि 31 मार्च 2021 से 12 मई के बीच बिजनौर शहर में 26245 और ग्रामीण इलाके में 65491 की टेस्टिंग की गई. कोर्ट में दाखिल किए गए शपथ पत्र के अनुसार बिजनौर के 3 सरकारी अस्पतालों में 150 बेड, 5 बाइपेप मशीन, 17 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 250 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं.

वहीं, डीएम बिजनौर ने कहा कि 32 लाख के लगभग ग्रामीण आबादी के लिए 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 300 बेड है. यानी एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन लाख की आबादी का भार और 30 बेड की उपलब्धता जो कुल जनसंख्या का 0.01% है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ मेडिकल कॉलेज में 64 वर्षीय बुजुर्ग संतोष कुमार के आइसोलेशन वार्ड में मृत होने और उनके शव का लापरवाही बरतते हुए लावारिस में अंतिम संस्कार कराने के मामले में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आश्रित परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया.

हाई कोर्ट ने सरकार को दिए ये 5 सुझाव

कोरोना से निपटने के लिए जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं.

- बड़े औद्योगिक घराने अपना दान करने वाला फंड वैक्सीन खरीदने में लगाएं.

- बीएचयू वाराणसी के अलावा गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ के मेडिकल कॉलेज को 4 महीने में एसजीपीजीआई स्तर का सुविधायुक्त बनाया जाए. सरकार 22 मई की अगली तारीख पर मेडिकल कॉलेज के अपग्रेडेशन प्लान को भी पेश करे.

- हर छोटे शहर में 20 एंबुलेंस, हर गांव में आईसीयू सुविधा वाली 2 एंबुलेंस जरूर रखी जाए.

- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नर्सिंग होम की सुविधाओं को भी बढ़ाने का निर्देश दिया. 20 बेड वाले नर्सिंग होम के 40 फीसदी बेड आईसीयू के हों, जिनमें से 25% बेड पर वेंटीलेटर, 50%पर बाइपेप मशीन और 25% पर हाई फ्लो नेजल कैनुला की सुविधा रखी जाए.

- 30 बेड वाले नर्सिंग होम का अपना ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट रखना होगा.

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