रामपुर

रात दो बजे फोन घनघनाते ही कांप गया था कलेजा, आंख भी न खुल पाई थी कि आ गई दिल दहला देने वाली खबर

Shiv Kumar Mishra
18 July 2022 5:59 AM GMT
रात दो बजे फोन घनघनाते ही कांप गया था कलेजा, आंख भी न खुल पाई थी कि आ गई दिल दहला देने वाली खबर
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सुबह करीब छह बजे परिजन को पिता नसीम की मौत की सूचना दी तो सब स्तब्ध रह गए। दोपहर बाद शव आने के बाद पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। परिजन भी बिलख पड़े।

यूपी के शाहजहांपुर से सवारियां लेकर दिल्ली जा रही स्लीपर बस शनिवार देर रात सामने से आ रहे लंबी बॉडी के ट्रक से टकरा गई। हादसे में निजी बस के चालक और एक हेल्पर समेत छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 47 लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से भाग हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल पहुंचवाया। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। हादसा सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात 12 बजे के आसपास हुआ। बस में सवार मुसाफिरों के मुताबिक शाहजहांपुर से दिल्ली जा रही स्लीपर बस बाईपास से गुजरते समय एक वाहन को ओवरटेक कर रही थी। ओवरटेकिंग के दौरान बस सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। बस में चालक व दो हेल्पर के अतिरिक्त करीब 50 लोग सवार थे।

शाहजहांपुर जिले के पांच परिवारों को रविवार का दिन जिंदगी भर का जख्म दे गया। लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर रामपुर के पास देर रात हुए भीषण हादसे में पांच लोगों की मौत हो गईं, जबकि जिले के ही 24 लोग गंभीर घायल हो गए। तड़के ही आई मनहूस खबर के बाद परिवारों में मातम छा गया। शमीम उल हक का शव परिजन दिल्ली ले गए हैं, जबकि चार अन्य शवों को घर लाया गया तो परिजन फफक पड़े।

दिल्ली शाहदरा के 118 सीलमपुरी ब्रह्मपुरी निवासी शमीम उल हक (35) की हादसे में मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी रजिया व अन्य परिजन के भी चोटें आईं हैं। दिल्ली में खराद का काम करने वाले शमीम उल हक की यहां थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला चमकनी में अख्तर मंसूरी पहलवान के घर ससुराल है। कुछ दिन पहले अख्तर मंसूरी का इंतकाल हो गया था। शमीम, उनकी पत्नी रजिया, मां पिर्रो, बेटा शहजाद-उल-हक 12, रेहान-उल-हक 10 और अहमद उल हक उनके जनाजे में शामिल होने आए थे। पूरा परिवार 40वें में शामिल होने के कारण यहां रुक गया था। दो दिन पहले 40वें की नियाज होने के बाद शनिवार शाम को शमीम अपने परिवार के साथ बस में सवार हुए थे। हादसे के बाद करीब एक बजे बहन रजिया ने फोन किया था। वह घबराई हुई आवाज में बोली थी कि हादसा हो गया है। जल्दी रामपुर आ जाओ। उसके बाद रजिया के भाई हामिद व बहनोई पप्पू रवाना हो गए।। रजिया के पैर में गंभीर चोट आई है, जबकि पिर्रो व बच्चे सुरक्षित हैं। मृतक के साले मोहम्मद रशीद ने बताया कि शमीम दो भाई थे।

थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला मामूड़ी निवासी स्कूल बस चालक नसीम खान (52) की भी हादसे में मौत हो गई। उनकी पत्नी रुबिया खान (45) के पैर टूट गए। 16 वर्षीय बेटी अलीशा को चोटें आईं हैं। नसीम के बेटे शानू और शोएब दिल्ली में सिलाई का काम करते थे। शनिवार को नसीम पत्नी और बेटी के साथ दिल्ली जाने के लिए डबल डेकर बस में सवार हुए थे। हादसे के बाद अलीशा बेहोश हो गईं। उसे काफी देर के बाद होश आया तो उसने तुरंत ही अपने नंबर से घर पर फोन लगाया। रात दो बजे फोन की घंटी बजने पर परिजन चौंक गए।

डरते हुए फोन उठाया तो अलीशा ने रुंधे हुए गले से कहा कि बस को टैंकर ने टक्कर मार दी है। कई लोग मर गए हैं और पापा को पुलिस ले गई। इतना सुनने के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। रात में ही रामपुर में रहने वाले बहनोई दिलशाद मियां से संपर्क साधा। उन्हें पूरी बात बताई तो रात में ही दिलशाद मौके पर पहुंच गए। रविवार को नसीम का शव लाया गया तो बेटी अलीशा, बेटी नूर सबा, जेबा, बेटा शानू और शोएब बिलख पड़े। उन्हें पास के ही कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

रविवार रात हादसे के बाद सबसे पहले बेटे जाहिद के पास पिता की मौत की सूचना आई। उसने अपने परिजन को हादसे की जानकारी नहीं दी और वह रामपुर चला गया। सुबह करीब छह बजे परिजन को पिता नसीम की मौत की सूचना दी तो सब स्तब्ध रह गए। दोपहर बाद शव आने के बाद पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। परिजन भी बिलख पड़े।

रामपुर हादसे में मरने वाली दीपक की पत्नी साक्षी के घर पर दस महीने पहले ही खुशियां आई थीं। शादी के चार साल के बाद उसने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। एक बेटा और बेटी को पाकर पूरे परिवार काफी खुश था, लेकिन दस महीने के बाद ही उनकी खुशियों पर ग्रहण लग गया। हादसे में साक्षी की मौत होने से बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी पिता पर आ गई है।

रामपुर में हुए हादसे में थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला हाथीथान निवासी हेल्पर करण राठौर (17) की मौत हो गई। वह शनिवार को पहली बार बस में बतौर हेल्पर गया था। शनिवार को उसका शव घर लाया गया तो परिजन बिलख पड़े। मजदूरी करने वाले प्रमोद राठौर का बड़ा बेटा करन राठौर शनिवार को बस में हेल्पर के तौर पर गया था। करण की मौत की जानकारी परिजन को रात में हो गई। परिजन रात में ही रामपुर के लिए रवाना हो गए। दोपहर में शव घर लाया गया। मां रमन, भाई सौरभ, बहन पिंकी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। प्रमोद के मित्र संजय राठौर ने बताया कि करण कांवड़ यात्रा ले जाना चाहता था। कुछ रुपये मिलने की उम्मीद में वह बस में चला गया था।

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