सहारनपुर

भारत सरकार कृषि बिलों को तुरंत वापस ले: फजलुर्रहमान

Shiv Kumar Mishra
9 Dec 2020 9:08 AM GMT
भारत सरकार कृषि बिलों को तुरंत वापस ले: फजलुर्रहमान
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सहारनपुर लोकसभा सीट से बसपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा, किसानों की मांगों पर विचार करना देशहित व जनहित में है, संसद में विपक्ष की आपत्तियों व प्रतिक्रिया के बावजूद जल्दबाजी में पास किये गए थे कृषि बिल, भाजपा सरकार पूंजीपतियों को खुश करने के लिए किसानों की आवाज दबा रही है।

सहारनपुर लोकसभा से बहुजन समाज पार्टी के सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर देशहित व जनहित में कृषि बिलों को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि किसानों की आवाज को नजर अंदाज करना बिलकुल भी सही नहीं है।

सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि गत संसद सत्र में कृषि क्षेत्र से सम्बन्धित तीन विधेयक संसद में लाये गए थे जिन पर प्रतिपक्ष की प्रतिक्रिया,आपत्तियां होने के बावजूद उन विधेयकों को जल्दबाजी में पारित कर माननीय राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षरोप्रांत कानून बना दिया गया है।

सांसद ने कहा कि इन कानूनों के प्रकाशन होने पर देश के लगभग सभी प्रदेशों के किसानों द्वारा आक्रोश एवं आन्दोलन चलाये जाने की पहले ही अपनी आशंका व्यक्त कर दी थी, किसानों एवं इनसे सम्बन्धित सभी किसान संगठनों ने इन कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए धरने-प्रदर्शन पूरे देश में करने प्रारम्भ कर दिए, जिसके फलस्वरूप देश के विभिन्न प्रान्तों से किसान एवं किसान संगठन देश की राजधानी दिल्ली में एकत्रित हो गए। इस बारे भारत सरकार व किसानों के प्रतिनिधियों के बीच कईं दौर की वार्ता हो चुकी है किन्तु अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका।

सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि किसानों की इस सम्बन्ध में जो मांगें हैं उन पर सकारात्मक रूप से विचार कर स्वीकार किया जाना जनहित एवं देश के हित में हैं इस प्रकार के आन्दोलनों को ऐसे समय में जब भारत ही नहीं अपितु पूरा विश्व जो कोरोना महामारी से जूझ रहा है, इसे और लम्बा चलाना देश हित में नहीं है। किसानों की जायज मांगों को स्वीकार कर पारित किये गए कानूनों को वापस किया जाना उचित है।

सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विनम्र अनुरोध करते हैं कि किसानों की समस्याओं एवं मांगों को दृष्टिगत रखते हुए कृषि क्षेत्र से सम्बन्धित पारित किये गए कानूनों को वापस करने पर जनहित में विचार करने की कृपा करें।

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