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कैराना में भाईचारे की मिसाल कायम, दोनों समुदाय ने अपने आप मंदिर मस्जिद से उतारे लाउडस्पीकर

जनपद शामली के कैराना से कभी हिंदुओं के पलायन की खबर ने पूरे देश को हिंदू-मुसलमान के खांचे में बांट दिया था। शामली जिले का वही कैराना कस्बा एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह कोई कलह नहीं, बल्कि एकता की दिशा में उठाया गया उसका एक अहम कदम है।
पूरे देश में लाउडस्पीकर से अजान और जय हनुमान को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस बीच कैराना ने अमन भाईचारे की मिसाल पेश कर दिया है, जिससे यह विवाद आसानी से खत्म हो सकता है दोनों ही समुदायों ने अपने-अपने धर्म स्थलों से खुद ही लाउडस्पीकरों को उतारकर मंदिर और मस्जिदों के गुंबद से भाईचारे का संदेश फैला दिया है।
कैराना कोतवाली परिसर में पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों के धार्मिक स्थलों के जिम्मेदार लोगों के साथ में बैठक की और लाउडस्पीकर को लेकर दिशा-निर्देशों से अवगत कराया। इसके बाद शाम के समय कस्बे के मोहल्ला बेगमपुरा चौक बाजार स्थित छिपियोवाली मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों ने स्वेच्छा से लाउडस्पीकर उतारने की पहल की। उन्होंने मस्जिद पर लगे एक लाउडस्पीकर को समय में उतार दिया। यहां दो लाउडस्पीकर लगे हुए थे, जबकि एक लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा कर दिया गया है।
हालांकि, इसी बीच सूचना पर पुलिस भी एहतियातन मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मस्जिद कमेटी के फैसले की सराहना की।मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जुल्फिकार अली उर्फ भुट्टो का कहना है कि उन्होंने गाइडलाइन का पालन करने के लिए यह फैसला लिया है और स्वेच्छा से एक लाउडस्पीकर को उतार दिया है, जबकि दूसरे लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा कर दिया गया है। उधर, मस्जिद से लाउडस्पीकर उतारे जाने के कुछ ही देरी के बाद प्राचीन देवी मंदिर से भी लाउडस्पीकर स्वेच्छा से उतार दिए गए। यहां पंडित विनोद कुमार शर्मा, मोहनलाल आर्य व कमल सिंघल आदि मौजूद रहे। बता दें, जिले में कैराना से लाउडस्पीकर उतारने की पहल हुई है, जिसकी लोग सराहना कर रहे हैं।