सुल्तानपुर

भू-माफियाओ का साथ देने में कोई कसर नही छोड़ रहे सरकारी महकमा

Special Coverage News
30 Dec 2018 6:51 AM GMT
भू-माफियाओ का साथ देने में कोई कसर नही छोड़ रहे सरकारी महकमा
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भले ही योगी सरकार भू-माफिया शिकायती पोर्टल बना दिया हो लेकिन एंटी भू-माफिया दल भी बनाया गया हो ,लेकिन बनाया गया पोर्टल व् दल सिर्फ एक दिखावा नजर आ रहा है वही नगर की नजूल जमीनों पर भू-माफिया लोग कब्जा करते जा रहे है, शिकायत के बावाजूद भी न तो प्रशासन चेत रहा, न तो शासन,जिला प्रशासन न तो सूबे के मुखिया का फरमान अमल करना चाहता है न तो सूबे के मुखिया का डर है।

क्या है मामला

सुल्तानपुर जनपद के डीएम आवास के पीछे स्थित मजार के पास गाटा स 199 जो अंकित है उसी नजूल भूमि पर साथ में 14 फुट चौड़ा 120 फुट लंबी दूरी प्रस्तावित रास्ता है जिसको संदीप सिंह नामक के व्यक्ति द्वारा कब्जा किया जा रहा है जिससे होकर अभिषेक मिश्रा सहित दर्जनों बने आवास के लोग आते जाते हैं। वही

संदीप सिंह द्वारा नजूल भूमि के साथ रास्ते को भी कब्जाया जा रहा है। रास्ता बन्द होने को लेकर निवासी अभिषेक मिश्र ने मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायती पत्र देकर रास्ता खुलवाने की मांग की थी जिस पर तत्काल कार्यवाही करने के लिये आदेश जारी किया गया था,लेकिन इस मामले पर कोई कार्यवाही नही हुआ, तो पीड़ित अभिषेक ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर रास्ता खुलवाने का अनुरोध किया।

डीएम साहब ने एडीएम वित्त एवं राजस्व अमरनाथ राय को तत्काल कार्यवाही करने को आदेश दिया एडीएम एफ आर ने उप जिलाधिकारी नगर को अभिषेक मिश्रा द्वारा दिए गए शिकायती पत्र को भेज दिया। उच्चाधिकारियों के आदेशों के क्रम में मौके पर लेखपाल गये विनियमित क्षेत्र के जेई गये, लेकिन वही हो रहा है जो होता चला आया है,अधिकारी पहुंचे तो काम बन्द हुआ, अधिकारी गये तो निर्माण कार्य शुरु हो गया। जैसा की वर्षो से चलता आ रहा है ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सूबे के मुख्यमंत्री भले ही सरकारी जमीनों को भू माफियो से मुक्त कर तमाम सरकारी योजनाओं का रूप देना चाहते है जिसके लिये उन्होंने कड़े कानून भी बनाये हैं लेकिन सूबे के नौकर शाह अमल करने से कतरा रहे है।

कागजी कार्यवाही में मशगूल बिभाग

कहते है जब अन्याय के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो शाशन से लेकर प्रशासन तक बैठे जिम्मेदार अधिकारी जागते है अभी कुछ माह पहले एक अधिवक्ता द्वारा अवैध निर्माण पर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई थी, जिसमे जिला प्रशासन ने लगभग 844 को अवैध निर्माण मकान बताया,जिनको गिराने का आदेश भी पारित हुआ था। लेकिन कुछ दिन तो विभागों में अफरा-तफरी मची रही,लेकिन बाद में वही हुआ जो होना था,न तो अवैध मकान गिरे,न तो ऐसे लोगो के ऊपर कोई कार्यवाही हुई,जिन्होंने जमीन को क्रय व् विक्रय किया है।

सीएम का आदेश रहा सिफर

शहरी व् ग्रामीण क्षेत्रो में नजूल की जमीन पर कब्जे को लेकर सूबे के मुख्य मंन्त्री ने प्रदेश के सभी अधिकारियो को यह निर्देशित किया था,कि ऐसी जमीनों को खाली कराये जाये और ऐसे भू-माफियो की सूची तैयार किया जाय, जिन्होंने सरकारी जमीन को विक्रय कर कब्जा किया है। या फिर कराया है,जिसके लिए भू-माफिया पोर्टल व् एक दल का भी गठन किया गया। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि जिनके आदेश व् निर्देश से कार्यवाही की शुरवात होनी थी,वही उन्ही के आवास के पीछे सरकारी जमीन पर भू-माफिया सक्रिय है और साहब देख कर भी कुछ नही कर पा रहे है,ऐसे में कहा जा सकता है कि सूबे के मुखिया का आदेश सिर्फ एक दिखावा ही है। अब तो यह देखना होगा कि यह भी मामला ठंडे बस्ते में जाता है कि या तो फिर कोई कार्यवाही होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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