सुल्तानपुर

सुल्तानपुर: सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व का समापन

Special Coverage News
14 Nov 2018 5:01 AM GMT
सुल्तानपुर: सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व का समापन
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सुल्तानपुर लालजी

छठ के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने उत्‍साह के साथ कल मंगलवार सायंकाल को डूबते सूर्यदेव को अर्घ्‍य दिया। वही आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन हुआ। श्रद्धालु कल अपराह्न काल से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। छठ को लेकर पूरे देश में लोगों के बीच इस वर्ष कुछ खासा उत्‍साह दिखाई दिया। सुरक्षा व्यवस्था समेत अन्य प्रकार की सुबिधाये नगर पालिका अध्यक्ष ने किया था।

सुल्तानपुर सीताकुंड घाट पर बने घाटों पर छठ व्रती आज बुद्धवार की सुबह को छठ महापर्व पर आज अंतिम दिन सूर्यदेव को अर्घ्‍य दिया गया। बता दें कि छठ के दौरान श्रद्धालु खासकर महिलाएं डूबते और फिर उगते सूर्य को 'अर्घ्य' देती हैं। वही पूर्वांचल से शुरू यह प्रथा पश्चिम दिशा तक के लगभग 35 लाख से ज्यादा लोग छठ रहते हैं और हर साल लाखों लोग छठ की पूजा करते हैं। इस छठ पूजा को देखते हुए सरकार ने महिलाओं के सुबिधाओं को बढ़ाने एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये है।



छठ को लेकर नदियों व तालाबों के घाट सजे-धजे दिख रहे हैं तो श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए सड़कें भी साफ-सुथरी कर दी गईं हैं। पूर्वी बिहार में अर्घ्‍य देने का सिलसिला पहले शुरू हुआ। अब इसके बाद धीरे-धीरे हर जगह अर्घ्‍य दिया जाने लगा है। सूर्य की अराधना के महापर्व छठ के अर्घ्य के लिए पूरा सुल्तानपुर पहले से ही तैयार था। सुल्तानपुर सहित लम्भुआ,कादीपुर,बल्दीराय समेत सभी जगह प्रशासनिक व्यस्था भी कर ली गई थी।


सुल्तानपुर के सीताकुंड घाट सहित तालाब व्रतियों के लिए तैयार किए गए हैं। जिले के विभिन्‍न क्षेत्रों में अन्‍य नदियों व तालाबों में भी छठ पूजा के अर्घ्‍य की व्‍यवस्‍था की गई है। हज़ारों की संख्या में छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उमड़े इनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने साफ सफाई और सुरक्षा समेत नदी में सुरक्षित अर्घ्य की पुख्ता व्यवस्था की थी। वही नगर पालिका ने बुधवार दोपहर तक सभी घाटों की साफ-सफाई रखने की जिम्मेदारी दी है और घाटों पर रोशनी की भी पुख्ता व्यवस्था की गई है।





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