उत्तर प्रदेश

यूपी सरकार ने गाड़ी मालिकों को दी बड़ी राहत, 2017 से 2021 के बीच लंबित पड़े चालान किए निरस्त

Arun Mishra
8 Jun 2023 5:17 AM GMT
यूपी सरकार ने गाड़ी मालिकों को दी बड़ी राहत, 2017 से 2021 के बीच लंबित पड़े चालान किए निरस्त
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2017 से 2021 तक वाहनों पर हुए चालान जो लंबित पड़े हुए हैं उनको सरकार ने निरस्त कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2017 से 2021 तक वाहनों पर हुए चालान जो लंबित पड़े हुए हैं उनको सरकार ने निरस्त कर दिया गया है. आप भी पहले ये आदेश देख लीजिये-


क्या लिखा है आदेश में -

आदेश में लिखा है, उपर्युक्त विषयक उत्तर प्रदेश दण्डविधि (अपराधों का शमन एवं विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अधिनियम 2016 द्वारा उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधो का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अधिनियम, 1979 की धारा 9 की उपधारा (1) में, खण्ड (क) में, उपखण्ड (एक) के स्थान पर निम्नलिखित उपखण्ड रख दिया जायेगा, अर्थात्- "(एक) मोटरयान अधिनियम, 1988 या एवं उपधारा (2) में शब्द और अंक 1 जनवरी, 1977 के स्थान पर शब्द और अंक "1 जनवरी, 2013" रख दिये जायेगें, प्राख्यापित किया गया। दिनांक 01.01.1977 से दिनांक 01.01.2013 तक किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष लम्बित कार्यवाहियो का उपशमन की अवधि को बढ़ाने के लिये उक्त अधिनियम की धारा-9 की उपधारा (2) में संशोधन किया किया।

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22.03.2023 में यह उपबन्ध किया गया है। कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल द्वारा निम्नलिखित उत्तर प्रदेश दण्ड विधि ( अपराधो का शमन और विचारणो का उपशमन) (संशोधन) अध्यादेश 2023 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 सन् 2023) जिसमें गृह (पुलिस) अनुभाग-9 प्रशासनिक रूप से सम्बन्धित है, प्रख्यापित किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधो का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अधिनियम, 1979 की धारा 9 में, उपधारा (2) में शब्द और अंक "31 दिसम्बर, 20016 के स्थान पर शब्द और अंक "31 दिसम्बर, 2021 रख दिये जायेगें" निर्गत किया गया। उपर्युक्त अध्यादेश अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत किए गये अपराधों के साथ-साथ मोटरयान अधिनियम / नियमावली के अन्तर्गत किये गये चालानों पर भी प्रभावी है। ऐसी स्थिति में दिनांक 31.12.2016 से 31.12.2021 की अवधि में किए गये चालान, जो न्यायालय में लम्बित है, को सम्बन्धित न्यायिक अधिकारी द्वारा उपशमित किया जा रहा है।

आपसे अपेक्षा है कि मा० न्यायालय से उपशमित वादों की सूची प्राप्त कर उन्हें ई-चालान पोर्टल से डिलीट करने की कार्यवाही करायें।


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