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बनारस में बेखौफ हैं बेजुबानो के सौदागर

बनारस में बेखौफ हैं बेजुबानो के सौदागर
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आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: वन्यजीव कानूनों को ताक पर रखकर शहर में खुलेआम बेजुबान पक्षियों की बिक्री जोरों पर चल रहा है। वाराणसी में पक्षियों का सबसे बड़ा बाजार बहेलिया टोला है। यहां के कारोबारी दुकानों पर पक्षियाँ कम रखते, लेकिन घरों में बंद कर बड़ी संख्या में रखते है, जहां से वह ग्राहकों को सीधे आपूर्ति कर देते है इसके अलावा शहर के विभीन्न इलाको में जैसे भेलुपूर, सिगरा, नदेसर, कचहरी आदि के पास रोजाना पक्षियों की दुकान सजती हैं।
इन दुकानों पर बिकने वाली पक्षियों में लव बर्ड की डिमांड ज्यादा है। यह तोते की ही एक प्रजाति है। इसके बाद हीरामन तोता, हमिंग बर्ड की भी मांग बहुत है। बड़े तोते की अपेक्षा छोटे तोते ज्यादा पंसद किए जाते हैं। इन्हें 500 से 100 रुपए तक में बेचा जाता है। लविंग बर्ड की कीमत प्रति जोड़ा 1500 रुपए है। इन पक्षियों को जोड़े में ही बेचा जाता है। ये अकेले मर जाते हैं।
घुमते-फिरते भी होता व्यापार.......
पिंजरे में बन्द कर पक्षियों का व्यापार करने वाले ऐसे तमाम लोग रोजाना शहर में घुमते-फिरते दिख जाएंगे है। जिनका काफी सालों से पुराना व्यापार तोता और कबूतर बेचना ही रहा है। पक्षियों को बेचकर यह वन अधिनियम के अन्तर्गत तस्करी का एक बड़ा अपराध कर रहे है लेकिन इन पर आज तक कोई शिकंजा नहीं कसा गया जिसकी वजह से यह रोजाना खुलेआम इसी तरह से पिंजरे में बन्द करके सैंकड़ों पक्षी बेच देते है। इन्हें किसी बात का डर नही है क्योंकि पुराने समय से करते आ रहे इस व्यापार पर पुलिस-प्रशासन या वन विभाग किसी ने भी रोक नहीं लगाई।
भेलुपूर, सिगरा, नदेसर, और कचहरी रोजाना दर्जनों अफसरों की आवाजाही होती है। लेकिन यहां बिक रहे प्रतिबंधित पक्षियों की ओर अफसरों का ध्यान नहीं जाता। देखा जाए तो बनारस में बेखौफ हैं बेजुबानो के सौदागर, इन्हें पुलिस-प्रशासन या वन्य विभाग का कोई खौफ नहीं है। पक्षी बेचने वाले ये सौदागर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इससे पुलिस-प्रशासन एवं वन विभाग की भी लचीली गतिविधियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।




कानून में सजा एवं जुर्माने का प्रावधान : वन रेंजर
वन रेंजर एन पी सिंह ने फोन पर बताया कि यह एक अवैध व्यापार है जिसके लिए सजा का प्रावधान भी है और जुर्माना भी। किसी भी पक्षी को न तो कैद कर सकते है और न ही उसको पकड़ कर बेच सकते है।उन्होंने बताया कि पहले भी शिकायत पर कई बार छापामारी कर कार्रवाही की गई है।
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