वाराणसी

सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती के खिलाफ कोर्ट ने दिया मुकदमा दर्ज करने का आदेश

Shiv Kumar Mishra
24 Nov 2020 8:27 AM GMT
सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती के खिलाफ   कोर्ट ने दिया मुकदमा दर्ज करने का आदेश
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सांसद के भाई ने कोर्ट में दी थी अर्जी, हनी टैपिंग व कूटरचित दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी करने का आरोप

वाराणसी। घोसी के सांसद अतुल राय के खिलाफ लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती समेत दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने आदेश दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी यादव की अदालत ने यह आदेश सांसद अतुल राय के भाई पवन सिंह की ओर से दिए गए आवेदन पर सुनवाई के बाद दिया। अदालत में वादी की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, विकास यादव व मनीष राय ने पक्ष रखा।

जानें क्या है प्रकरण

प्रकरण के अनुसार गाजीपुर जनपद के वीरपुर (भांवरकोल) निवासी सांसद अतुल राय के भाई पवन कुमार सिंह ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत आवेदन दिया था। आरोप था कि बलिया जनपद के कोटवां नरायनपुर (नरही) निवासी प्रिया राय ने उसके भाई घोसी सांसद अतुल राय के खिलाफ लंका थाने में झूठे तथ्यों के आधार पर दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। प्रिया राय ने लक्ष्मणपुर (शिवपुर) निवासी उसके दोस्त सत्यम प्रकाश राय के साथ मिलकर हनी ट्रैपिंग का कार्य करते है।

प्रिया राय ने वर्ष 2015 में यूपी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अमृतेश सिंह उर्फ सब्बल के विरुद्ध भी छेड़खानी व धमकी देने का झूठा मुकदमा शिवपुर थाने में दर्ज कराया था। जिसमें धन प्राप्त कर लेने के बाद वह अपने आरोप से मुकर गयी। उक्त मुकदमें में उसने अपनी जन्मतिथि 10 मार्च 1997 बताया है तथा समर्थन में हाईस्कूल अंकपत्र की प्रतिलिपि प्रस्तुत किया है, जबकि थाना लंका में दर्ज कराए मुकदमें में उसकी ओर से प्रस्तुत हाईस्कूल ले अंकपत्र में उसकी जन्मतिथि 10 जून 1997 अंकित है।

सांसद के भाई ने आवेदन में आरोप लगाया कि विपक्षियों ने नाजायज लाभ प्राप्त करने के आशय से कूटरचित प्रपत्र के आधार पर अपनी उम्र कहीं कम कहीं ज्यादा अंकित किया है। इस मामले में प्रार्थी ने स्थानीय थाने से लगायत एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन जब कोई कार्रवाई नही हुई तो उसने अदालत में अंकपत्रों की छायाप्रतियों के साथ प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई।

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