वाराणसी

आखिर बसपा सांसद अतुल राय को अब बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी से क्यों है जान का खतरा

Shiv Kumar Mishra
2 April 2021 8:27 AM GMT
आखिर बसपा सांसद अतुल राय को अब बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी से क्यों है जान का खतरा
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कर्म अपने सबको याद रहते हैं यारों, ये गंगा किनारे भीड यूं ही नहीं होती.

जब पड़ी मार शम शेरन की तब महाराज मैं नाई हूं वाली कहावत घोसी सांसद अतुल राय पर खूब चरितार्थ हो रही है। आजकल फेसबुक पर घोसी सांसद अतुल राय जो इलाहाबाद के नैनी जेल में बन्द है मुख्तार अन्सारी से जान को खतरा बता रहे हैं।अपनी सुरक्षा की गुहार मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर लगायी है। सांसद का कहना है कि मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से नैनी जेल में न भेजा जाय क्यों की मुख्तार अंसारी ने ही जालसाजी करके मुझे झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल करा दिया है। वो हमारी हत्या करवा सकते हैं।लोगों को यह बात हजम नहीं हो रही है।माफिया डान मुख्तार अन्सारी के शागिर्दगी में पनाह लेने वाले अतुल राय मुख्तार अन्सारी के खासम खास कहे जाते हैं। मगर इन दिनो नेता जी बयान योगी सरकार के खतरनाक ऐक्सन को देखकर बदल गया है। अपने बचाव में नया फार्मूला तैयार करने में जी जान से लगे गये ।अब उनको समझ में आने लगा सियासत में कोई नही सगा।

मुख्तार अंसारी के दिन लद गये पाप का घडा‌ भर चुका है।अपनी करनी की भरनी करने का समय आ चुका है।दहशत का पर्याय बन चुके मऊ विधायक के खिलाफ सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है जिसमे बचना मुश्किल लगता है। यह अलग बात है कि खुदा मेहरबान हो तो आंधियों में चराग जलते हैं।म ऊ जनपद के घोसी संसदीय सीट पर बसपा के‌ परचम पर चुनाव मुख्तार अंसारी के दहशत पर ही अतुल राय भारी बहुमत से जीत गये लेकिन बलात्कार के मुकदमे में फंसकर जेल की हवा खा रहे हैं। अपने आका की सरकारी खातिर दारी को सोचकर गिरगिट सरीखे रंग बदल रहे हैं। वहीं सियासी बिश्लेषको का मानना हे कि इसमें भी कोई गम्भीर चाल हो सकती है। कल तक शेर के तरह दहाड़ने वाला आज ह्वील चेयर पर अपना सियासी दर्द शेयर कर रहा है। कानून का शिकंजा धीरे धीरे कसता जा रहा सियासी शेर उसी जाल में फंसता जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया से सफेदपोश बनने वाले बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रयागराज की विशेष कोर्ट में जो मामले चल रहे हैं, वह बेहद गंभीर हैं। वैसे तो मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर तथा अन्य मामलों में भी कई बार कार्रवाई हो चुकी है।लेकिन दस ऐसे गंभीर केस हैं, जिनमें उम्रकैद या फिर फांसी तक की सजा हो सकती है।माफिया डॉन बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ बेहद गंभीर दस मुकदमों की सुनवाई प्रयागराज के एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार इन सभी मुकदमों में मजबूत पैरवी कर रही है।और प्रयास है कि इनका जल्दी से निपटारा हो। सरकार का प्रयास बाहुबली मुख्तार अंसारी को उसके गुनाहों की सख्त से सख्त सजा दिलाने का है। दस गंभीर केस में से एक डबल मर्डर का केस फाइनल स्टेज पर है। इसका ट्रायल लगभग पूरा हो चुका हैऔर कभी भी फैसला आ सकता है। बाकी नौ मुकदमों में छह में इन दिनों गवाही के साथ ट्रायल चल रहा है। तीन में अभी कोर्ट ने आरोप तय नहीं किया है। दस मुकदमों में से चार गैंगस्टर एक्ट के हैं। चार में से तीन गाजीपुर तथा एक मऊ में दर्ज हैं। मुख्तार के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले के भी केस हैं।

मऊ जनपद के दक्षिण टोला थाने में दर्ज केस में तो मुख्तार अंसारी को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। बाहुबली मुख्तार के खिलाफ एक चर्चित मुकदमा फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने का भी है। एक मुकदमा खुद मुख्तार अंसारी ने वारणासी जेल में बंद माफिया बृजेश सिंह के खिलाफ दाखिल कर रखा है। मुख्तार ने इस मामले में गवाही शुरू कराने के लिए फरवरी महीने में कोर्ट से गुहार भी लगाई है। बीस वर्ष पुराने इस मुकदमे में ट्रायल फिलहाल रुका हुआ है। मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज डबल मर्डर केस का है। मऊ में वर्ष 2009 में ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना की दिन दहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी। इसमें एके-47 राइफल तथा नाइन एमएम पिस्टल का प्रयोग किया गया था। इस हत्या का आरोप बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था। इस मर्डर केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था। गवाह होने के चलते राम सिंह मौर्य को सतीश नाम का एक गनर भी दिया गया था। इस मर्डर के साल भर में ही आरटीओ आफिस के पास राम सिंह मौर्य और गनर सतीश को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। इसमें भी मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। केस का ट्रायल अंतिम दौर में है। तीन -चार सुनवाई के बाद महीने-दो महीने बाद फैसला आ सकता है। मुख्तार पर जेल में रहते इस हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप।

वाराणसी का एक मुकदमा कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है। चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। मुकदमा इस समय गवाही में चल रहा है। वाराणसी कोर्ट से इस केस की फाइलें स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में नहीं आ सकी हैं। कांग्रेस नेता अजय राय इस मामले में वादी और गवाह दोनों हैं मुख्तार अंसारी पर तीसरा केस आजमगढ़ में हुई हत्या से जुड़ा हुआ है। इस मामले में भी हत्या और साजिश रचने का केस है। इसकी एफआईआर आजमगढ़ के तरवा थाने में दर्ज हुई थी। मुकदमा यूपी सरकार बनाम राजेंद्र पासी व अन्य के नाम से चल रहा है।गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के खिलाफ चौथा मुकदमा हत्या के प्रयास से जुड़ा हुआ है। मुकदमा गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था। इसकी प्रक्रिया 2010 से चल रही है। मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है। मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है और काफी दिनों से सुनवाई ठप है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ पांचवा केस फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा है। केस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था। इसमें मुख्तार अंसारी के खिलाफ दो केस दर्ज हैं।

पहला तो धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा का है और का दूसरा आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है। इस केस में अभी मुख्तार पर अदालत से आरोप तय होना बाकी है ।मुख्तार के खिलाफ छठा मुकदमा वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकी देने का है। मुकदमा साल 2012 से शुरू हुआ है। इसमें एफआईआर दर्ज है। अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हैं। मुख्तार के खिलाफ प्रयागराज की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर एक्ट के चार केस हैं। चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय हैं। चार में से तीन मामले गाजीपुर के थानों के हैं, जबकि चौथा मऊ जिले का है मुख्तार अंसारी के खिलाफ आठवां मामला भी गैंगस्टर का ही है। यह केस गाजीपुर के करांडा थाने में दर्ज है। इस मामले में आरोप तय हैं और ट्रायल बाकी है।मुख्तार अंसारी के खिलाफ नौवां मामला भी गैंगस्टर एक्ट के तहत की कार्रवाई का ही है। इसमें गाजीपुर की मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। केस ट्रायल के लेवल पर है।मुख्तार अंसारी के खिलाफ दसवां केस भी गैंगस्टर एक्ट का ही है। मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में केस दर्ज है। केस का ट्रायल 2010 में शुरू हुआ था। कोर्ट से मुख्तार पर आरोप तय हो चुके हैं।

प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मुख्तार अंसारी के मामलों में अभी तक मुख्तार के पंजाब जेल में होने के कारण इलाहाबाद की कोर्ट में पेश न होने से कानूनी पेचीदगियां सामने आ रही है। एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जो भी मामले हैं, उसमें उसे उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा भी हो सकती है।पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की जेल में वापसीकी पूरी तैयारी चल रही है।उत्तर प्रदेश के मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की अब उत्तर प्रदेश की जेल में वापसी होनी लगभग तय है।। पंजाब सरकार की कई दलीलों का भी सुप्रीम कोर्ट पर अब असर नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश भेजने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने आदेश दिया। दो हफ्ते में उत्तर प्रदेश भेजे जाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की दलील खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को दो सप्ताह में मुख़्तार को उत्तर प्रदेश भेजने को कहा है।

अब प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट तय करेगी कि मुख़्तार अंसारी को किस जेल में रखा जाएगा।सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपण जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने आदेश दिया। कानूनी पेचीदगियो के बीच मुख्तार अन्सारी का अब नया लुक सामने आया है जिसमें हृविल चेयर पर पंजाब में दर्ज एक केश के सिल सिले हाजीर हुते। पंजाब सरकार किसी भी कीमत पर मुख्तार को यूं पी भेजना नहीं चाहती है। देखना वक्त का फैसला किया होता है। पिंजरे में बन्द शेर खतरा महसूस कर दहशत भरी गुहार पंजाब सरकार से लगा रहा है। तुझको हर हाल में इसकी सजा मिलनी थी तूने दुनियां में बड़ा रंग जमा रखा था।

जगदीश सिह

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