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BHU:विवादों में फंसे नए VC, आते उड़ी कानून की धज्जियां,चीफ प्राक्टर रायना के चलते हो रही किरकिरी
शिव कुमार मिश्र
29 March 2018 8:42 AM IST

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नवागत कुलपति के आते ही बीएचयू एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है।
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। नवागत कुलपति के आते ही बीएचयू एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। मामला सुरक्षकर्मियो की वर्दी का है। जिसको लेकर एक बार फिर किरकिरी हो रही है।
बताया जाता है कि नवागत वीसी प्रो० राकेश भटनागर को लेने के लिए बाबतपुर एयरपोर्ट पर बीएचयू के अधिकारी काफिला ले कर गए थे। सूत्रों की माने तो रास्ते मे पुलिसिया रुआब दिखाने के लिए चीफ प्राक्टर रायना सिंह ने पसरा एक्ट- 2005 की धज्जियां उड़ाई।
आरोप है कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सिक्योरिटी अफसर को अनुचित तरीके से उत्तर प्रदेश पुलिस की हूबहू वर्दी और बैच धारण करने दिया और साथ ले गयी। यही नही वीसी की पीसी में भी उस सिक्योरिटी अफसर को खाकी वर्दी में ही साथ रखा।
खाकी वर्दी विवाद में रही-
खाकी वर्दी को लेकर यह पहला मसला नहीं है।सुरक्षाकर्मियों की वर्दी को लेकर विवाद काफी समय से रहा है। पुलिस की हूबहू वर्दी पहनने के चलते कैंपस में किसी बात को लेकर हंगामा या लाठीचार्ज होने की स्थिति में यह पता ही नहीं चल पाता था कि डंडा पुलिस ने चलाया या फिर सुरक्षाकर्मियों ने.
एसएसपी की चेतावनी पर उतरा था वर्दी
एसएसपी आरके भारद्वाज ने 6 माह पूर्व बीएचयू सुरक्षाकर्मियों को पुलिस जैसी वर्दी नहीं पहनने की चेतावनी दी थी। एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि वर्दी का रंग नहीं बदला तो कार्रवाई होना तय है। इसके बाद बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस की हूबहू वर्दी उतार दिया था।
वर्दी नहीं पहन सकता सब-
भारत सरकार द्वारा द प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेग्यूलेशन एक्ट 2005 (पसरा एक्ट ) के अधिनियम की धारा 21 के तहत कोई प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड या सुपरवाइजर आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, पुलिस या किसी अन्य सशस्त्र बल के समान या मिलती जुलती वर्दी नहीं पहन सकता। अगर वह ऐसा करता है तो जुुर्माना या दंड का भागी होगा।
रायना की इस हरकत से बीएचयू परिसर और परिसर के बाहर चर्चा होने लगी नवागत वीसी के आते ही नियम कानून को ताख पर रखकर सुरक्षकर्मियो को दुबारा खाकी वर्दी दे दी गई।बहरहाल अब देखना होगा कि संज्ञान में आने पर पुलिस प्रशासन कोई एक्शन लेता है कि नही?
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