

वाराणसी (आशुतोष त्रिपाठी) : आँख के बदले आँख, हाथ के बदले हाथ और मौत के बदले मौत जैसे सजा के तमाम किस्से सुने होंगे वैसे ही बीएचयू के छात्र ने दांत के बदले दांत मांगा है लेकिन सजा या बदले की भावना को लेकर नहीं बल्कि क्षतिपूर्ति की तौर पर।
बताया जाता है कि बीएचयू से एमए कर रहे नील दूबे बहुत दिनों से दांतों की दर्द से परेशान थे। इलाज के लिए जब ट्रामा सेंटर गए तो दंत विभाग के डाक्टरो ने एक्सरे व अन्य जांच करा कर बताया कि ऊपर के दांत खराब है निकलवाना पड़ेगा।
नील का आरोप है कि दांत निकलवाने के लिए डा० एचसी बरनवाल से सम्पर्क किया तो उन्होंने दांत निकलवाने के लिए उसे दूसरे दिन बुलाया। वह एक्स-रे व जांच रिपोर्ट लेकर जब दूसरे दिन पहुंचा तो डॉक्टर ने जबड़े में इंजेक्शन लगाकर ऊपर की बजाए नीचे वाला मजबूत दांत निकाल दिए।
पीड़ित नील ने इस बावत लिखित शिकायत बीएचयू अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिक्षक डॉ. ओपी उपाध्याय से की। एमएस के निर्देश पर मामले की पड़ताल की जा रही है। इसके लिए क्लीकिनल इंवेस्टीगेशन टीम भी गठित हुई है। लेकिन आरोपित डॉक्टर के छुट्टी पर जाने से जांच में दिक्कत हो रही है।
दूसरी तरफ पीड़ित ने बताया कि संक्रमित दांत से अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है। लेकिन डाक्टरो की लापरवाही के चलते मुझे अपने मजबूत दांतो को गवाना पड़ा। क्षतिपूर्ति के तौर पर मुझे नये दांत लगाए जाए और मेरे संक्रमित दांतो का समुचित इलाज हो।