वाराणसी

काशी में देव दीपावली का पर्व आज! काशी विश्वनाथ धाम से लेकर गंगा के घाटों तक काशी इतिहास रचने को तैयार....

Gaurav Maruti Sharma
7 Nov 2022 3:16 AM GMT
काशी में देव दीपावली का पर्व आज! काशी विश्वनाथ धाम से लेकर गंगा के घाटों तक काशी इतिहास रचने को तैयार....
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काशी में देव दीपावली का पर्व आज! काशी विश्वनाथ धाम से लेकर गंगा के घाटों तक काशी इतिहास रचने को तैयार....

विश्व की सांस्कृतिक राजधानी और महादेव की नगरी काशी में आज देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा हैं। हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। वर्तमान में यूपी की योगी सरकार अयोध्या के तर्ज पर काशी में भी देव दीपावली पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इस वर्ष भी दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। काशी के समस्त घाटों को 10 लाख से अधिक दीयो से सजाया जाएगा। तो वही नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी उद्घाटन के तर्ज पर सजाया गया है। इसके अलावा गंगा उस पार भी भव्य लाइटिंग से सजावट की गई है। दीपोत्सव कार्यक्रम भव्य हो इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार देर शाम पहुंचकर आला अफसरों को दिशा निर्देश दिए हैं।


देव दीपावली पर क्या-क्या होगा काशी में


भव्य दीपोत्सव यानी देव दीपावली के कार्यक्रम के लिए काशी तैयार है। काशी के 84 से अधिक घाटों को 10 लाख से अधिक दीपक से सजाया जाएगा। गंगा के उस पार भी भव्य लाइटिंग एवं दीपदान होगा। काशी के विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट और अस्सी घाट पर भव्य आरती होगा।

इस साल देव दीपावली पर पहली बार काशी के ऐतिहासिक चेत सिंह घाट की दीवार पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम धर्म का व्याख्यान होगा। इसके जरिए काशी आने वाले पर्यटक मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण व देव दीपावली की कथा सुन सकेंगे। गंगा की गोद में लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो के माध्यम से भगवान शिव के भजन की प्रस्तुति भी होगी। 20 मिनट का शो कई बार दिखाया जाएगा।

उद्घाटन की तर्ज पर सजाया गया है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर



इस वर्ष देव दीपावली पर नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी उसके उद्घाटन के तर्ज पर माला और फूलों से सजाया गया है। विशाखापत्तनम निवासी बाबा के एक भक्त ने काशी विश्वनाथ धाम को फूलों से सजाने की इच्छा जाहिर की। जिसका परिणाम ये रहा कि देव दीपावली पर बाबा विश्वनाथ धाम को 50 टन देसी-विदेशी फूलों से सजाया जा रहा है। इन फूलों में थाईलैंड, बंगलोर कोलकत्ता, कर्नाटक से आने वाले ऑर्किड, एन्थुरियम-राजहंस, लीलुम्स - कुमुदिनी, हाइड्रेंजिया, कार्नेशन, गुलाब, जिप्सी, ब्लू डाई, कृशान्ति, रजनीगंधा, गोम्फरेना, मदार, कमल आदि मुख्य है।

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