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साध्वी प्रज्ञा पॉर्न मूवी दिखाकर और इस सीएम को किस तरह फंसाने की साजिस का बड़ा खुलासा
शिव कुमार मिश्र
23 Oct 2017 7:38 PM IST

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2008 के मालेगांव बम धमाके के आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने सोमवार को वाराणसी पहुंचकर एक नया खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मालेगांव मामले में योगी आदित्यनाथ को फंसाने का प्रयास किया जा रहा था। कांग्रेस के लीडर जांच अधिकारियों के साथ मिलकर ये साजिश रच रहे थे। इतना ही नहीं इस मामले में योगी के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था। बता दें, सुधाकर चतुर्वेदी 9 साल बाद जमानत पर रिहा हुए हैं। वे यहां पराड़कर भवन में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
भगवा आतंकवाद को साबित करने में लगी थी कांग्रेस
'सुधाकर चतुर्वेदी ने कहा- यूपी के मौजूदा सीएम योगी आदित्यानाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत को मालेगांव मामले में कांग्रेस फ़साना चाहती थी।' 'इस मामले में जांच अधिकारी हेमंत करकरे के साथ मिलकर पी. चिदंबरम, शरद पवार और दिग्विजय सिंह भगवा आतंकवाद को साबित करने में लगे थे।' 'NIA और एटीएस ने योगी से उनके संगठन, मठ और ठिकानों को लेकर पूछताछ भी की थी। यही नहीं मामले में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वारंट भी जारी किया था। लेकिन सबूतों के अभाव में उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई।'
साध्वी प्रज्ञा को पॉर्न मूवी दिखाकर करते थे टॉर्चर
सुधाकर चतुर्वेदी ने आगे कहा- 'साध्वी प्रज्ञा को जांच अधिकारीयों द्वारा टार्चर के नाम पर लैपटॉप पर पॉर्न मूवी और अश्लील फोटो दिखाई जाती थी।' 'मुझे एसी रूम में रखकर टॉर्चर करते थे। तीन दिनों तक खाना नहीं दिया। बाथरूम में करेंट लगाकर रखते थे। पूरा नंगा करके पैरों के तालू पर लाठी से मारते।'
क्या है मामला?
21 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव 2 ब्लास्ट हुए थे। इनमें 7 लोग मारे गए थे, जबकि 79 जख्मी हुए थे। ब्लास्ट उस वक्त किए गए थे, जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ने जा रहे थे। इन ब्लास्ट के पीछे हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े लोगों का हाथ होने की बात सामने आई थी।
कौन है सुधाकर चतुर्वेदी
सुधाकर चतुर्वेदी मिर्जापुर के रहने वाले हैं। उन्होंने इलाहाबाद से ग्रेजुएशन और मिर्जापुर से एमए किया है। सामान्य शिक्षा के बाद सुधाकर चतुर्वेदी संघ के साथ अभिनव भारत संस्था से जुड़ गया। मालेगांव ब्लास्ट के बाद 23 अक्टूबर 2008 को उन्हें नासिक से गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया गया। उन्हें पिस्टल और बम बनाने के आरोप में बंद किया गया था।
स्रोत दैनिक भास्कर
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