वाराणसी

मंडुवाडीह स्टेशन का अब नाम बदला, प्लेटफॉर्म पर नया बोर्ड लगाने का काम शुरू

सुजीत गुप्ता
15 July 2021 5:11 AM GMT
मंडुवाडीह स्टेशन का अब नाम बदला, प्लेटफॉर्म पर नया बोर्ड लगाने का काम शुरू
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बीते साल 17 सितंबर 2020 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर

वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के मंडुवाडीह स्टेशन का नाम अब बनारस होगा। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद बुधवार को स्टेशन पर बनारस के नाम का बोर्ड चढ़ गया। सभी जगह से मंडुवाडीह स्टेशन का नाम हटा दिया गया। स्टेशन का कोड अब बीएसबीएस होगा। बुधवार रात 12 बजे से यानी 15 जुलाई से बीएसबीएस के नाम से बुकिंग शुरू हो गई।


बता दें कि अब तक रेलवे के सिस्टम में पुराने मंडुआडीह स्टेशन का कोड 'एमयूवी' ही शो कर रहा है, इसलिए अभी तक यहां मंडुआडीह स्टेशन का बैनर ही लगा था, पर अब स्टेशन का कोड भी जल्द बदलकर 'बीएसबीएस' कर दिया जाएगा। आरक्षण के समय यात्रियों में कोड को लेकर काफी भ्रम की स्थिति रही। यह देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सिस्टम अपग्रेड नहीं होने तक मंडुआडीह नाम ही चलने का फैसला लिया है।


स्टेशन का नाम हिन्दी में बनारस, अग्रेजी में BANARAS होगा। काशी के विद्वतजन की मांग पर इस स्टेशन की नाम पट्टिका पर संस्कृत में भी इसका नाम बनारसः अंकित किया जा रहा है। बता दें कि शहर में चार प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। इसमें वाराणसी जंक्शन कैंट, वाराणसी सिटी स्टेशन, काशी रेलवे स्टेशन और मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन है। केवल मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन ही बनारस को नहीं दर्शाता था। बाकी स्टेशन में वाराणसी का नाम झलकता था।


बीते साल 17 सितंबर 2020 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किए जाने की अनुमति दी थी। अनुमति के ठीक एक दिन बाद रेल अधिकारियों ने बनारस लिखा हुआ बोर्ड लगवाया और शिवगंगा सहित अन्य ट्रेनों की पट्टी पर मंडुवाडीह हटाकर बनारस कर दिया था। इसके बाद मुख्यालय से आए दिशा निर्देशों के बाद आनन-फानन में वाराणसी मंडल के अधिकारियों ने बनारस लिखा हुआ बोर्ड और पट्टी हटवाकर मंडुवाडीह कर दिया। तब से अब जाकर स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन हुआ।





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