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PM के जयापुर को आदर्श ग्राम बनने में रह गई कमी ? जानिए क्या है कारण
शिव कुमार मिश्र
28 Oct 2017 2:08 PM IST

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आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श गांव जयापुर की तस्वीर अन्य गांवों के मुकाबले काफी कुछ बदल चुकी है। गांव की मुख्य सड़कें,बिजली और पानी की व्यवस्था तो दुरुस्त हैं। लेकिन स्वास्थ्य और प्राथमिक पाठशाला की व्यवस्था अभी भी बदहाल है।
जयापुर प्राथमिक पाठशाला में बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन के साथ-साथ उन्हें मिड डे मील व्यवस्थित तरीके से नहीं दिया जाता था। बच्चे धूल भरे जमीन पर बैठकर जैसे-तैसे भोजन करते हैं।
पीएम मोदी के गोद लेने के बावजूद इस व्यवस्था में बदलाव नही किया गया। यहां बच्चों के बैठने के लिए दरी या टाट भी उपलब्ध नही है,बच्चे धूल भरे जमीन पर बैठकर ही भोजन करने को मजबूर हैं।
खाने के पास जानवरो के पहुँचने और संक्रमण फैलने का खतरा....
जयापुर की प्राथमिक पाठशाला में बाउंड्री नहीं है। इस कारण भोजन करते समय जानवरो जैसे कुत्ते, गाय,भैंस व अन्य बच्चों के पास पहुंच सकते है। ऐसे में संक्रमण के साथ ही जानवरो के हमले का खतरा भी बना रहता है।
मिली जानकारी के मुताबिक यहां स्कूल का हाल जानने की शिक्षा विभाग से संबंधित किसी भी अधिकारी ने कोशिश तक नहीं की है।
वहीं जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रिज भूषण चौधरी से फोन पर इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में नही है। स्कूलों को दरी उपलब्ध कराया गया है।बच्चो के धूल भरे ज़मीन पर बैठकर भोजन करने के मामले में उन्होंने जांच कराने की भी बात कही है।
देखा जाए तो यहां पढ़ने आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य के साथ साफ तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है तो प्रश्न उठना लाजमी बन जाता है कि क्या हम इस गाँव को आदर्श गाँव कह सकते है? जहां बच्चे धूल भरे जमीन पर बैठकर ही भोजन करने को मजबूर हैं।ऐसे में कुल मिलाकर कहना गलत नही होगा कि पीएम का गोद लिया गया पहला गाँव जयापुर के आदर्श ग्राम बनने में कमी रह गई।
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