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वाराणसी लोकसभा सीट पर फंसा पेच: चौकीदार का मुकाबला होगा चौकीदार से, बीजेपी में मचेगा हडकम्प

बीएसएफ कांस्टेबल तेज बहादुर यादव जिन्हें 2017 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. जब उन्होंने सैनिकों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर वीडियो जारी कर दिया था. उन्हें अनुसाशन हीनता के चलते बर्खास्त कर दिया गया था. अब तेज बहादुर यादव ने वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की बात की थी.
तेजबहादुर ने कहा है कि पीएम ने कहा था 'अर्धसैनिक बलों के जवानों को शहीद का दर्जा देंगे, उन्हें पेंशन देंगे' अब तक क्यों नहीं दी. पूरे पांच साल राज करने के बाद अब हर बात पर अगले 2024 की बात करते है क्यों? इस पंचवर्षीय योजना में आपने सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए क्या विशेष सुविधाएँ प्रदान की.
पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने कहा में पीएम मोदी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव लडूंगा. चुनाव के दौरान मैं पीएम से पूछूंगा, 'आपने वादे किए थे, आज तक आपने पूरे क्यों नहीं किये, आपने क्या किया? हमें बताओ. यह एक बराबर की लड़ाई है, एक तरफ आपके पास 'असली चौकीदार' है और दूसरी तरफ आपके पास 'नकली चौकीदार' है. अब जनता किसे चुनना पसंद करेगी असली चौकीदार या नकली चौकीदार को.
अब लड़ाई असली और नकली चौकीदार से है. में तो एक सिपाही था जिसने भ्रष्टाचार का खुलासा किया था. क्योंकि आपने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लम्बा सा भाषण दिया जिससे प्रेरित होकर मैंने भ्रष्टाचार का खुलासा किया तो आपने सबसे पहले हमारे खिलाफ ही कार्यवाही की. अब आप खुद को देश का असली चौकीदार बताते हो.