वाराणसी

विश्व के सामने भारत का प्रतिनिधित्व करेगा काशी का युवा! 27 वर्षीय नमन मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन में होंगे शमिल...

Gaurav Maruti Sharma
4 Nov 2022 4:16 AM GMT
विश्व के सामने भारत का प्रतिनिधित्व करेगा काशी का युवा! 27 वर्षीय नमन मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन में होंगे शमिल...
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विश्व के सामने भारत का प्रतिनिधित्व करेगा काशी का युवा! 27 वर्षीय नमन मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन में होंगे शमिल...

काशी की वजह से दुनिया भर में देश को एक बार फिर इतराने का मौका मिला है। इसकी वजह बने हैं काशी के सिगरा क्षेत्र निवासी होनहार 21 वर्षीय नमन कपूर! 6 से 18 नवंबर तक आयोजित 27वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-27) में शामिल होने के लिए नमन मिस्र के शर्म अल शेख पहुंचे हैं। वह संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCC) में जलवायु पर विश्वविद्यालयों के वैश्विक गठबंधन (GAUC) का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गए युवा प्रतिनिधिमंडल के 14 शीर्ष वैश्विक युवा राजदूतों में सबसे कम उम्र के और एकमात्र भारतीय हैं।

वैश्विक आबादी का 16% हिस्सा युवा हैं

नमन ने मिस्र से फोन पर 'दैनिक भास्कर' से कहा कि 15 से 24 साल की आयु वर्ग के लोग युवा कहलाते हैं। वैश्विक आबादी का 16% हिस्सा युवा हैं। फिर भी, युवाओं को नीति निर्माण के मंच पर प्रतिनिधित्व बहुत कम दिया जाता है, जो सही नहीं है। मैं जलवायु परिवर्तन पर युवाओं की सोच को दुनिया के सामने रखना चाहता हूं। हम मिस्र में क्लाइमेंट फाइनेंस और क्लाइमेंट गवर्नेंस पर फोकस करेंगे।

जलवायु परिवर्तन हमारे लिए बड़ा मुद्दा

नमन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हमारे देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा असर दुनिया में भारत की आबादी पर होता है। यह हमें कुपोषण सहित अन्य तरह की समस्याओं के तौर पर देखने को मिलता भी है। मैं आशा करता हूं कि COP-27 में दुनिया के विकासशील देशों को विकसित देशों द्वारा सपोर्ट किया जाएगा। क्लाइमेंट फाइनेंस के माध्यम से हम कई सारी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। कुछ समाधान पहले से ही हैं, उनके क्रियान्वयन के लिए फाइनेंस की जरूरत है। फाइनेंस उपलब्ध भी है लेकिन उसे सही जगह तक पहुंचाने की जरूरत है। युवा प्रतिनिधिमंडल जलवायु परिवर्तन से होने वाली समस्याओं के समाधान में योगदान देने के लिए स्थानीय ज्ञान को आगे ला सकता है। नमन ने कहा कि सम्मेलन में चर्चा होगी कि कैसे सरकारें जलवायु के लिए काम कर सकती हैं। ग्रीन प्रोजेक्ट्स कैसे लागू कराए जाएं। अकसर यह देखा जाता है कि जो काम क्लाइमेट के लिए अच्छा होता है उसे लागू कराना कठिन होता है।

बनारस और देहरादून से की इंटर तक की पढ़ाई

वाराणसी के सिगरा निवासी रेशम कारोबारी वैभव कपूर और साक्षी कपूर के बेटे नमन कपूर पेरिस स्थित संस्थान सांइस पो से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। वर्तमान समय में वह इजराइल में रीचमैन विश्वविद्यालय में एक साल के एक्सचेंज प्रोग्राम पर हैं। नमन के दादा हर्षपाल कपूर यूपी व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य हैं। नमन ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल व होली हार्ट्स स्कूल और देहरादून के वेलहम बॉयज स्कूल से की है। कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान वह वाराणसी में लोगों को भोजन, चिकित्सा आपूर्ति और सैनिटरी पैड जैसी बुनियादी जरूरतें प्रदान करने संबंधी विभिन्न परियोजनाओं से भी जुड़े थे। नमन की रुचि राजनीति, सरकार, व्यवसाय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में है। वह संयुक्त राष्ट्र मिलेनियम फेलो और प्रतिष्ठित एमिल बाउटमी छात्रवृत्ति के धारक हैं। उन्होंने कहा कि वह हाल ही में एकमात्र गैर-यूरोपीय युवा थे जिन्हें फ्रेडरिक एबर्ट फाउंडेशन द्वारा यूरोपीय संसद के सदस्यों और यूरोपीय संघ के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ यूरोपीय नीतियों और लोकतंत्र पर चर्चा करने के लिए जर्मनी में हंबाच सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था।

क्या है GAUC

GAUC का गठन जनवरी 2019 में स्विट्जरलैंड के दावोस में किया गया था। GAUC के सदस्यों में ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंपीरियल कॉलेज लंदन, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, टोक्यो विश्वविद्यालय, सिंघुआ विश्वविद्यालय, स्टेलनबोश विश्वविद्यालय, फेडरल यूनवर्सिटी ऑफ रियो डी जनेरियो, भारतीय विज्ञान संस्थान, साइंस पो, कोलंबिया विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और येल विश्वविद्यालय।

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