वाराणसी

बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का मनेगा उत्सव! अनुराधा के मधुर संगीत में झूमेंगे भोले के भक्त...

Gaurav Maruti Sharma
10 Dec 2022 3:42 AM GMT
बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का मनेगा उत्सव! अनुराधा के मधुर संगीत में झूमेंगे भोले के भक्त...
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बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का मनेगा उत्सव! अनुराधा के मधुर संगीत में झूमेंगे भोले के भक्त...

बाबा विश्वनाथ की नगरी और विश्व की सांस्कृतिक राजधानी काशी में वैसे तो टूरिस्ट एवं श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। लेकिन जब से काशी विश्वनाथ मंदिर काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बन गया है। तब से यहां श्रद्धालुओं की संख्या सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। इसी क्रम में काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहली वर्षगांठ को यूपी की योगी सरकार यादगार बनाने जा रही है। आने वाले 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को लोकार्पण हुए 1 वर्ष हो जाएंगे। इसी के उपलक्ष्य में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में मंदिर प्रशासन एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।


काशी के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को आने वाले 13 दिसंबर के दिन लोकार्पण हुए 1 वर्ष हो जाएंगे। इसी उपलक्ष्य में मंदिर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस बारे में जब स्पेशल कवरेज न्यूज़ ने मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर के दिन काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को 1 वर्ष हो जाएगा। पिछले वर्ष 13 दिसंबर 2021 को यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे से ही विश्वनाथ धाम में हवन पूजन का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा साधु संतों के साथ कई विशिष्ट अतिथियों का भी मंदिर में आगमन होगा। श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद की अध्यक्षता में "श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रभाव'' नामक विषय पर विचार संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। देर शाम काशी विश्वनाथ धाम में आकर्षण का केंद्र बनेंगी अनुराधा पौडवाल। जिनके मधुर भजनों से पूरा कॉरीडोर गुंजायमान हो उठेगा।

आपको बता दें कि जब से काशी विश्वनाथ मंदिर काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बन गया है तब से काशी में यात्रियों और टूरिस्टो की संख्या में भयंकर उछाल देखा गया है। किसी जमाने में 3000 वर्ग स्क्वायर फुट क्षेत्र में फैला यह मंदिर का परिसर आज 5 लाख वर्ग स्क्वायर फुट से अधिक जगह में फैला हुआ है।

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