वाराणसी

किशोरी का गर्भपात कराने के मामले में दंपति समेत तीन को सजा

Shiv Kumar Mishra
1 July 2022 1:02 PM GMT
सौतेला पिता करता था बच्ची से दुष्कर्म, आजीवन कारावास की सजा, एमडीडी ऑफ इंडिया (करनाल) के प्रयासों से मिला न्याय
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File Photo

वाराणसी। नाबालिग किशोरी का जबरन गर्भपात कराने के मामले में दंपति समेत तीन को अदालत ने दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट प्रथम) त्रिभुवन नाथ की अदालत ने चोलापुर के गंजारी गांव निवासी फौजदार, उसकी पत्नी रीना व कथित डॉक्टर नमिता पटेल को दोषी पाने पर दस-दस साल के कठोर कारावास व 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपए पीड़िता को देने का आदेश भी अदालत ने दिया है। वहीं अर्थदंड अदा नहीं करने पर अभियुक्तों को एक-एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक आदित्य नारायण सिंह ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी ने 7 मई 2015 को चोलापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसकी 14 वर्षीय पुत्री की तबियत खराब होने पर पुत्री को उपचार के लिए 27 मार्च 2015 को प्रेमनगर में एक महिला चिकित्सक को दिखाने पर पेशाब जांच कराने पर पता चला कि उसकी पुत्री के पेट मे चार माह का बच्चा है।

पूछताछ में उसकी पुत्री ने बताया कि चार-पांच माह पहले जब वह अपने बहन के यहां गयी थी तो वहां पर उसके पति के भाई फौजदार की बहन मीरा का लड़का दीपक पटेल ने उसके साथ जबरन बलात्कार किया था और किसी को बताने पर जान से मारने के धमकी दी थी। इसकी जानकारी होने पर जब वादिनी फौजदार के घर पहुंची और दीपक से शादी कराने का दबाव बनाने लगी तो अभियुक्तों ने पहले लोकलाज का भय दिखाकर लड़की का गर्भपात कराने के बाद शादी करवाने का आश्वासन दिया।

इसके बाद उनलोगों ने उसकी लड़की को ग्राम परियाही में डिस्पेंसरी चलाने वाली डॉ. नमिता पटेल के यहां ले गए, जहां डॉ. नमिता के हार्ड दवा चलाने से उसके पुत्री की हालत बिगड़ गयी, जिसके बाद उनलोगों के साथ ही डॉ. नमिता पटेल ने उसकी पुत्री को जेजे हॉस्पिटल पिंडरा में भर्ती कराया, जहां उसकी पुत्री का ऑपरेशन कर मरा हुआ बच्चा निकाला गया। इस दौरान उसके पुत्री के रीढ़ की हड्डी में घाव हो गया। इस बीच सभी अभियुक्त उसकी पुत्री व उसे अस्पताल में छोड़कर वहां से भाग गए।

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