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वाराणसी:यौन हिंसा की घटनाओं के विरोध में हस्ताक्षर अभियान
शिव कुमार मिश्र
16 April 2018 6:53 PM IST

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बलात्कार के मामलों में अपराधियों को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा त्वरित दंड मिले दुष्कर्मियों को राजनैतिक संरक्षण बंद हो और दुष्कर्म के मामलो को,धार्मिक या राजनैतिक रंग न दिया जाय ,बाल यौन हिंसा के मामलो में कठोरतम दंड सुनिश्चित हो
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। देश में आये दिन होने वाली यौन हिंसा की घटनाओं के विरोध में साझा संस्कृति मंच और ज्वाइंट एक्शन कमेटी बी एच यू द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मुख्य द्वारा पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा आज देश की स्थितियां आधी आबादी के रहने नही रह गयी है, अखबारों न्यूज चैनलों में रोज महिलाओं एवं बच्चियों के साथ बलात्कार, हत्या, आत्म हत्या, शोषण, यौन हिंसा की घटनाओं ने संवेदनशील लोगों को स्तब्ध कर दिया है. पॉस्को जैसे मजबूत कानून के रहते हुए भी आज औरतो, लड़कियां, बच्चियों की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी के प्रति सत्ता और प्रशासन की भूमिका में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। वक्ताओं ने कहा कि कठुआ, उन्नाव, बारपेटा, सूरत, सासाराम आदि की हाल की की घटनाओं ने मानवता को शर्मसार कर दिया है और इन घटनाओं पर हो रही राजनीति और आरोप प्रत्यारोप के साथ साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश और भी शर्मनाक एवं निंदनीय है .
हस्ताक्षर अभियान के तहत प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर लिए गये
जिसमे प्रमुख रूप से मांग की गयी कि उन्नाव कठुआ सासाराम सूरत और ऐसी तमाम घटनाओं में दोषियों के विरुद्ध जांच ,मुकदमे की कार्यवाही और फैसला 4 माह के अंदर सुनाया जाए.
शासन सत्ता या प्रसाशन में बैठे लोगों और जन प्रतिनिधियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच तीव्र गति से तथा म्जिसत्रेट स्तर की स्वतन्त्र जांच कमेटी द्वारा किया जाय. बलात्कार , हत्या, यौन शोषण के आरोपितों को विधानसभा या संसद में पहुचने के रास्ते देने वाली राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध चुनाव आयोग कोर्ट कार्यवाही करे. बच्चो और महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को देखने वाली ग्राम/वार्ड / थाने / स्कूलों कॉलेजों और जिले से ले कर प्रदेश देश तक की समितियों की सक्रिय भूमिका का मूल्यांकन किया जाए. शिकायत निवारण के लिए बने सभी पदों यथा विशाखा समिति महिला एवं बाल आयोग और कार्य स्थलों पर सामाजिक कार्यकर्ता, महिला पुलिस एवं ज्यूडिशियल अफसर जज की नियुक्ति अविलम्ब की जाए. सभी पुलिसकर्मियों की हर स्तर पर जेंडर और बाल अधिकारों मानवाधिकारों सम्बन्धी प्रशिक्षण एवं परीक्षा अनिवार्य की जाए.
मीडिया हाउसेस द्वारा कारपोरेट रिस्पांसिबिलिटी के फंड द्वारा अभियान चला कर जनजागृति के संगठित प्रयास किये जाने को अनिवार्य किया जाए . नई शिक्षा नीति में सभी बच्चो की प्राथमिक शिक्षा के पाठ्य क्रम में जेंडर सम्बन्धी समझदारी लाने वाले पाठ शामिल किए जा . यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी, नेता या व्यक्ति स्वयं अपने विरुद्ध चल रहे मुकदमो शिकायतों को पद और सत्ता का लाभ ले कर स्वयं समाप्त करने का दोषी हो उसे पद से मुक्त किया जाए। दुष्कर्म मामलों में पीडिता और उसके परिवार को पूर्ण सुरक्षा मिले
हस्ताक्षर अभियान में डा इन्दू पाण्डेय, वल्लभाचार्य पाण्डेय, शालिनी, शिवांगी, विनय सिंह, सतीश सिंह, डा. आनंद तिवारी, चिंतामणि सेठ, प्रेम कुमार सोनकर, आकाश, रजत,आदि ने सहयोग किया.
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