उत्तर प्रदेश

हरिद्वार हेट स्पीच केस में यति नरसिंहानंद गिरफ्तार, SC के दखल के बाद मामले में दूसरी गिरफ्तारी

Special Coverage Desk Editor
16 Jan 2022 7:03 AM GMT
हरिद्वार हेट स्पीच केस में यति नरसिंहानंद गिरफ्तार, SC के दखल के बाद मामले में दूसरी गिरफ्तारी
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Yati Narsimhanand arrested in Haridwar Hate Speech Case: हरिद्वार धर्म संसद के दौरान हेट स्पीच के मामले में यति नरसिंहानद को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है. इससे पहले वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को पुलिस ने अरेस्ट किया था. हरिद्वार में हेट स्पीच केस में दर्ज प्राथमिकी में 10 से ज्यादा लोगों के नाम हैं. इनमें नरसिंहानद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं.

हरिद्वार: हरिद्वार धर्म संसद के दौरान नफरत भरे भाषण के मामले में यति नरसिंहानद को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हरिद्वार हेट स्पीच केस में यह दूसरी गिरफ्तारी है. इससे पहले वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को पुलिस ने अरेस्ट किया था. हरिद्वार में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में धर्म विशेष के खिलाफ नफरत भरे भाषणों को लेकर यह मामला सुर्खियों में था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हेट स्पीच को लेकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई गई थी. सिविल सोसायटी संगठन और कई अन्य हस्तियों ने भी पीएम मोदी और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था.

हरिद्वार में हेट स्पीच केस में दर्ज प्राथमिकी में 10 से ज्यादा लोगों के नाम हैं. इनमें नरसिंहानद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को कार्रवाई के बारे में 10 दिनों के अंदर एफिडेविट दाखिल करने को कहा था. सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तारियां शुरू की. वहीं गिरफ्तारी को लेकर यति नरसिंहानंद ने पुलिस अधिकारियों को धमकी दे डाली थी. नरसिंहानंद ने कहा था कि तुम सब मरोगे.

इस केस में सबसे पहली गिरफ्तारी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी की हुई थी. हरिद्वार के एसएसपी ने कहा कि रिजवी को रुड़की में नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. रिजवी ने कुछ दिन पहले ही धर्म परिवर्तन किया है. इससे पहले वे उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं.

हेट स्पीच से जुड़े इस मामले में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने धर्म विशेष के खिलाफ विवादित बयानों को लेकर विशेष जांच दल द्वारा स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच कराने की अपील की थी.

बता दें कि हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हिन्दु साधुओं और अन्य नेताओं ने कथित तौर पर धर्म विशेष के खिलाफ हथियार उठाने और उनका कत्लेआम करने का आह्वान किया था.

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