उत्तर प्रदेश

संसद में हुए हंगामे पर योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को जवाब देते हुए लगाया बड़ा आरोप

सुजीत गुप्ता
20 July 2021 8:33 AM GMT
संसद में हुए हंगामे पर योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को जवाब देते हुए लगाया बड़ा आरोप
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योगी ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है। जहां संसद का सत्र शुरू होने से पहले ही इस तरह के...

लखनऊ। संसद में मानसून सत्र में विपक्ष के हगामें को लेकर योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कांफ्रेस कर करारा जवाब दिया है, योगी ने कहा कि संसद सत्र के मानसून सत्र को लेकर सरकार ने साहसिक निर्णय लिया था, लेकिन इसके ठीक एक दिन पहले सनसनीखेज चीजें परोसकर माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है.कहा कि विपक्ष जासूसी कांड के बहाने संसद की चर्चा को आगे नहीं बढ़ाने दे रहा है और झूठे व तथ्यहीन आरोप लगाकर देश को बदनाम कर रहा है।

योगी ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है। जहां संसद का सत्र शुरू होने से पहले ही इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाए जाते हैं। संसद के इस सत्र में किसानों व कोरोना पर चर्चा होनी है पर विपक्ष पूरी ताकत लगाकर इस सत्र को बर्बाद करने पर तुला हुआ है। यह लोकतंत्र का अपमान है। देश को बदनाम करने की विपक्ष की ये कुत्सित सोच कभी कामयाब नहीं होगी।

योगी ने आगे कहा कि विपक्ष जाने अनजाने में अंतरराष्ट्रीय साजिशों का शिकार हो रहा है. जो अंतरराष्ट्रीय साजिश भारत को अस्थिर करना चाहते हैं. साथ ही ये ताकतें किसी ना किसी रूप में भारत को अस्त-व्यस्त करना चाहती हैं. ये पहली घटना नहीं है. बीते साल की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति जब भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे थे तभी दंगा हो गया था. ये इसी साजिश का हिस्सा था. तमाम विपक्षी दलों के लोगों की संलिप्तता उस दंगे के साथ जोड़कर देखी गई थी।

कोरोना काल के दौरान देश के कोविड प्रबंधों को डब्ल्यूएचओ और अन्य देशों ने सराहा था, लेकिन भारत के अंदर विपक्ष एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहा था कि जैसे सरकार इन सब चीजों से अनभिज्ञ है और महामारी से लोग मर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करने और अस्थिर करने के लिए विपक्ष जिन मंसूबों के साथ काम कर रहा है ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष नहीं चाहता कि देश के पिछड़े समाज के लोग आगे आएं। यही कारण है कि जब संसद के सत्र के पहले दिन दलित व पिछड़े समाज से आए मंत्रियों का परिचय होना था तो जमकर हंगामा किया गया। ये लोग पिछड़ों को आगे नहीं आने देना चाहते हैं। ये किसानों को गुमराह कर रहे हैं लेकिन ये लोग कभी भी अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे।


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