चम्पावत

Nios डीएलएड संगठन उत्तराखंड की ऐतिहासिक जीत

Shiv Kumar Mishra
14 Sep 2022 6:54 AM GMT
Nios डीएलएड संगठन उत्तराखंड की ऐतिहासिक जीत
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आखिरकार 18 महीने के लंबे सँघर्ष के बाद Nios डीएलएड हाईकोर्ट से जीता केस। 24 फरवरी 2021 को Nios अभ्यर्थियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में केस दर्ज किया गया था। पहले यह केस सिंगल बेंच में लड़ा गया, जिसमे Nios डीएलएड वालो की जीत हुई, उसके बाद यह मामला डबल बेंच में चला।

03 मार्च 2021 को भर्ती पर और 10 फरवरी के जी.ओ पर रोक लगी, फिर ततपश्चात 01 सितंबर 2021 को भर्ती पर से स्टे हटा, फिर भर्ती पर डायट डीएलएड, बाहर राज्य से किये हुए डीएलएड, शिक्षा मित्र तथा बी.एड वालो को भर्ती व कॉउंसलिंग में शामिल किया गया परन्तु Nios डीएलएड वालो को कॉउंसलिंग में यह कहकर बाहर रखा गया कि इनका मामला कोर्ट में लंबित है। फिर भर्ती आगे बढ़ती रही, पद भरे जाने लगे और दूसरी तरफ Nios डीएलएड का केस लम्बा खींचता चला गया।

16 दिसंबर 2021 को Ncte के डायरेक्टर जयेश पटेल जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि Nios डीएलएड अन्य डीएलएड के समान है और ये लोग भी वर्तमान शिक्षक भर्ती में शामिल होने के पूरे पूरे हकदार हैं। परन्तु इसके बाद भी Nios डीएलएड वालो काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। फिर 11 जुलाई से 14 जुलाई 2022 तक इस केस के मामले की अंतिम सुनवाई की गई, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के चीफ जस्टिस सांघी जी और जस्टिस खुल्बे जी ने दोनों पक्षो की दलीलों को ध्यानपूर्वक सुना और केस के जजमेंट को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया गया। करीब दो महीने बाद 14 सितंबर 2022 को माननीय जज द्वारा फाइनल जजमेंट Nios डीएलएड के पक्ष में सुनाया गया और सरकार को जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय सुनाया गया और साथ ही सरकार पर पेनल्टी के रूप में Nios डीएलएड अभ्यर्थियों को हर्जाना देना का भी आदेश दिया गया।

इस केस के दौरान Nios डीएलएड टीईटी संगठन उत्तराखंड के अध्यक्ष कपिल देव , महासचिव पवन कुमार कैंतुरा तथा समस्त Nios अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण लेने के साथ साथ देहरादून में 5 माह से अधिक समय का धरना प्रदर्शन किया, सैकड़ो ज्ञापन दिए, भूख हड़ताल किया, सचिवालय कूच किया, मुख्यमंत्री आवास कूच किया, शिक्षा मंत्री का घेराव किया। आखिरकार 18 महीने का लंबा संघर्ष कामयाब हुआ। इसलिए कहते हैं भगवान के घर मे देर है मगर अंधेर नही।

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