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Shri Badrinath Dham opened in Brahmamuhurta: ब्रह्ममुहूर्त में खुले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट, जानिए किस किस समय हुई भगवान की पूजा

Shiv Kumar Mishra
8 May 2022 8:51 AM GMT
Shri Badrinath Dham opened in Brahmamuhurta: ब्रह्ममुहूर्त में खुले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट, जानिए किस किस समय हुई भगवान की पूजा
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बद्रीनाथ धाम के कपाट आज 8 मई को ब्रह्म मुहूर्त में 6 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए है। अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इस पावन मौके का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं। कपाट खुलने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को शीतकाल के दौरान औढ़ाए गए घी से लेपित उनके कंबल का प्रसाद वितरित हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।

बद्रीनाथ धाम के साथ ही आज सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर सुभांई गांव स्थित भविष्य बद्रीधाम के कपाट भी खोले गए। उधर, केदारपुरी के रक्षक बाबा भुकुंट भैरव मंदिर के कपाट खुलने के साथ शनिवार से केदारनाथ धाम में नित्य पूजाएं व शाम की आरती शुरू हो गई है। बता दें कि शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव जी की डोली, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंची थी।

कुबेर जी की डोली ने किया बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश :

कुबेर जी की डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव पहुंची थी। रविवार को सुबह पांच बजे कुबेर जी की डोली ने बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया। बद्रीनाथ – केदरनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, बद्रीनाथ के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के साथ ही अन्य बीकेटीसी कर्मचारियों व तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दीस्थल और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया।

कपाट खुलने की प्रक्रिया :

सुबह 5 बजे : बद्रीनाथ के दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर जी की डोली ने किया प्रवेश।

सुबह 5:15 बजे : विशिष्ट व्यक्तियों का गेट नंबर तीन से मंदिर में प्रवेश।

सुबह 5:30 बजे : रावल, धर्माधिकारी व वेदपाठियों का उद्धव जी के साथ मंदिर में किया प्रवेश।

सुबह 6 बजे : रावल और धर्माधिकारियों द्वारा द्वार पूजन।

सुबह 6:15 बजे : श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले।

सुबह 9:30 बजे : गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की पूजा शुरू होगी।

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