उत्तराखण्ड

उत्तरकाशी टनल हादसाः रेस्क्यू का 11वां दिन, 32 मीटर तक पहुंची पाइप, सबसे बड़ा सवाल? कब होगा मजदूरों का रेस्क्यू

Arun Mishra
22 Nov 2023 6:39 AM GMT
उत्तरकाशी टनल हादसाः रेस्क्यू का 11वां दिन, 32 मीटर तक पहुंची पाइप, सबसे बड़ा सवाल? कब होगा मजदूरों का रेस्क्यू
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उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने की कोशिशें जारी हैं.

उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने की कोशिशें जारी हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत ड्रिलिंग फिर से शुरू हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि ड्रिलिंग के जरिए पाइप 32 मीटर अंदर तक पहुंच गई है. 11 दिन से अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकलने का रास्ता तैयार करने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से देर रात ड्रिलिंग शुरू की गई. इससे पहले ड्रिलिंग के दौरान मशीन के एक कठोर वस्तु से टकराने की वजह से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया था. सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो दो दिनों में मजदूर बाहर आ जाएंगे.

मजूदरों तक पहुंचने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन से 53 मीटर तक की खुदाई करनी है। फिलहाल ड्रिलिंग से जुड़ा काम तेजी से चल रहा है, जिसके लिए पहले 900 एमएम में 800 एमएम पाइप लगाया गया और फिर 800 एमएम के अंदर 700 एमएम का पाइप फिट किया गया। वहीं, बरकोट की तरफ ड्रिलिंग शुरू हो गई है। मजदूरों के पहुंचने के लिए 450 मीटर खुदाई करनी है, जिसमें 12 मीटर तक काम हो चुका है।

उधर, टनल पर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। मशीन लगाई जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि दोपहर तक काम शुरू हो गया है और वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए मजूदरों तक पहुंचने के लिए 87 मीटर तक ड्रिलिंग करनी पडे़गी। साथ ही सिल्कयारा छोर की तरफ की 41 मेडिकल एबुलेंस पहुंच रही हैं, जिसमें चार मौके पर पहुंच चुकी हैं, जबकि मजदूरों के निकलने के बाद उन्बें सिलयानी एयरपोर्ट से ऋषिकेश एम्स पहुंचाया जाएगा। सुरंग के भीतर छह इंची चौड़ा पाइप से सभी श्रमिकों को खाना पहुंचाया गया। संतरा-केला और अन्य बड़ी चीजें भी इस दौरान भेजी गईं।

वैसे, एक रोज पहले यानी मंगलवार (21 नवंबर, 2023) को सुरंग के अंदर से आए फोटो और वीडियो के बाद पीड़ित परिजन का थोड़ा सा हौसला बढ़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुरंग में फंसे लोग वॉकी-टॉकी से अपने घर वालों से अब बात कर पा रहे हैं। चूंकि, पहले आवाज साफ नहीं आती थी, मगर अब वे सही से बात कर पा रहे हैं। इस बीच, पांच तरफ से ड्रिलिंग का काम भी चल रहा है।

खाने में भेजा पनीर-पुलाव

सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप के जरिए रात को पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन वाली रोटी भेजी गई थी. इस खाने को डॉक्टर की देखरेख में तैयार किया गया था. इस बात की जानकारी रसोइया संजीत राणा ने दी है. उन्होंने बताया कि कम तेल और मसालों के साथ तैयार ये खाना तैयार किया गया था. मजदूरों को कुल 150 पैकेट खाना भेजा गया था. दिन में उन्हें फल भेजे गए थे.

इससे पहले छह इंच की पाइपलाइन के जरिए मजदूरों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया था. इस कैमरे की मदद से मजदूरों के हालात की जानकारी ली गई. उनके वीडियो बाहर आए, जिसमें वो सकुशल दिखे. वीडिये में मजदूर एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दिए.

12 नवंबर को 4 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए.


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