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सुप्रीम कोर्ट की फटकार: उत्तराखंड चुनाव आयोग पर ₹2 लाख जुर्माना, कांग्रेस ने कहा — वोट चोरी का पर्दाफ़ाश

Arun Mishra
27 Sept 2025 9:41 AM IST
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सुप्रीम कोर्ट ने लगाया उत्तराखंड चुनाव आयोग पर 2 लाख जुर्माना

भारतीय लोकतंत्र में चुनाव आयोग की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। यह संस्था न केवल चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार होती है, बल्कि निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की भी गारंटी देती है। लेकिन हाल ही में उत्तराखंड से जुड़ी एक घटना ने इस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड चुनाव आयोग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹2 लाख का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को पारदर्शिता और जवाबदेही से काम करना चाहिए, लेकिन इस मामले में गंभीर लापरवाही सामने आई।

जुर्माना लगाने के साथ-साथ कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह चेतावनी भी दी कि भविष्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या गैर-जिम्मेदाराना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस का हमला

इस फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह फैसला दरअसल “वोट चोरी का पर्दाफ़ाश” है और अब यह साफ हो गया है कि विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल बेबुनियाद नहीं थे।

कांग्रेस ने यह भी कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट दखल न देता तो लोकतंत्र की नींव और कमजोर हो जाती।

विपक्ष के लिए मुद्दा, सरकार पर दबाव

यह मामला अब सियासी रंग भी ले चुका है। विपक्ष इसे पारदर्शी चुनाव की मांग से जोड़कर देख रहा है और जनता के बीच इसे बड़े मुद्दे की तरह उठा रहा है। दूसरी ओर, सरकार और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

लोकतंत्र के लिए संदेश

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि लोकतंत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता से बड़ा कुछ नहीं। यह घटना चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को और ज्यादा सतर्क रहने का सबक देती है।

उत्तराखंड चुनाव आयोग पर लगा यह जुर्माना केवल एक आर्थिक दंड नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और जनता के भरोसे को बनाए रखने की दिशा में एक सख्त कदम है। कांग्रेस इसे वोट चोरी का सबूत बता रही है, जबकि अदालत ने साफ कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।



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