पश्चिम बंगाल

बंगाल में हिंसा: बमबारी में घायल हुए 7 BJP कार्यकर्ता, टीएमसी पर लगा हमले का आरोप

Arun Mishra
5 Dec 2020 12:43 PM GMT
बंगाल में हिंसा: बमबारी में घायल हुए 7 BJP कार्यकर्ता, टीएमसी पर लगा हमले का आरोप
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ये वाकया उस वक्त हुआ जब बीजेपी के कार्यकर्ता बर्धमान जिले में संपर्क अभियान पर थे.

पश्चिम बंगाल में शनिवार को एक बार फिर से हिंसक वारदात की खबर सामने आई है. इसमें बीजेपी के कार्यकर्ताओं के सात घायल हुए हैं. ये वाकया उस वक्त हुआ जब बीजेपी के कार्यकर्ता बर्धमान जिले में संपर्क अभियान पर थे. टीएमसी कार्यकर्ताओं पर इस हिंसा का आरोप लगाया गया है. इस दौरान बर्धमान जिले के आसनसोल स्थित जामग्राम में रैली के दौरान बम भी फेंके गए.

बीजेपी के स्थानीय नेता लेखन घोरुई ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा- तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने फायरिंग की और बम फेंके, जिसमें 7 लोग घायल हुए हैं. हम अस्पताल जा रहे हैं. पुलिस से मदद मांगने के बावजूद भी वह आगे नहीं आए.

दूसरी तरफ टीएमसी ने बीजेपी पर इस हिंसा का आरोप लगाया है. टीएमसी के बिधान उपाध्याय ने कहा- बीजेपी की रैली थी, जिसमें वह बम लेकर आए थे. बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने हम पर हमला किया. हम इसकी आलोचना करते हैं.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव होना है लेकिन उससे पहले लगातार बीजेपी और राज्य की सत्ताधारी टीएमसी के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं. इसके साथ ही दोनों दलों के नेता एक दूसरे के खिलाफ आग उगल रहे हैं.इसी कड़ी में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे अपने तरीके ठीक करें वरना सड़कों पर उनकी 'चमड़ी उधेड़' दी जाएगी. वहीं राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने इस बयान को 'घटिया' करार दिया और कहा कि मीडिया और राजनेताओं द्वारा उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए.

दिलीप घोष ने टीएमसी पर साधा निशाना

बता दें कि दक्षिण 24 परगना जिले की सीमा से सटे शहर के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर एक ''चा चक्र'' (चाय पर चर्चा) को संबोधित करते हुए घोष ने टीएमसी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे 'जय बांग्ला' जैसे नारे लगाते हैं.उन्होंने कहा, ''टीएमसी नेताओं को जय श्री राम के नारे से समस्या है. यह टीएमसी द्वारा पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करने की साजिश है. टीएमसी ने इस इरादे से सीएए का विरोध किया है ताकि धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया जा सके...शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकती."


Arun Mishra

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Sub-Editor of Special Coverage News

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