सुनिए अजब गजब समाज की गंदी कहानी: सुक्का और श्यामराव का अपराध यह है कि उन्होंने बेटा नही बाप पैदा कर लिया

Update: 2022-06-09 06:28 GMT

बैतूल। करीब 70 वर्ष उम्र के एक वृद्ध कलेक्ट्रेट में भटक रहे थे,वे खासे मायूस और दुःखी थे। उनका दुःख पूछा तो छूटते से बोले कि क्या बताऊं तुम्हे ,मुझसे जीवन में बस एक अपराध हो गया। बेटा नही बाप पैदा कर लिया,उसका दंड भुगत रहा हूं। बेटे बहू ने बेघर कर दिया,धक्के खाते फिर रहा हूं। यह बात है सुक्का पिता जगराम निवासी आलमगढ़ की। इसके पास पांच एकड़ जमीन है,मकान है फिर भी दर दर की ठोकर खा रहा है। भरण पोषण कानून में मदद की उसे दरकार है।

एक और मामला सामने आया जिसमे बेटे ने जिस बाप को धक्के मारकर घर से निकाल दिया और उसे अब वृद्ध आश्रम में आखरी समय गुजारना काटना पड़ रहा ,उस पर बिजली कंपनी ने बिजली चोरी का प्रकरण दर्ज कर दिया। जबकि उसके बेटे बहू ने उसे त्याग दिया पर खेत के बिजली कनेक्शन में नाम बरकरार रखा। उसका खामियाजा यह है कि उसे बेघर होकर बिजली चोर भी बनना पड़ रहा। यह कहानी है छाता निवासी श्यामराव गेंदू वाघमारे की,यह भी 70 वर्ष से अधिक उम्र के है और इनके पास भी 5 एकड़ जमीन है फिर भी औलाद ने लावारिश छोड़ दिया।

इस उम्र में धक्के खाते घूम रहे है। अब जो सरकारी सिस्टम है उसमे आवेदन होगा फिर बड़े साहब अनुशंसा करेंगे फिर एसडीएम स्तर का अधिकारी प्रोसेस करेगा। तारीख पर तारीख मिलेगी आखिर गुजारा भत्ता देने के आदेश भी हो जायेगे पर उस आदेश का पालन होगा या नहीं यह कह पाना बड़ा मुश्किल है,क्योंकि एसडीएम के आदेश के बाद भी पटेल वार्ड निवासी मीला बाई को उसकी औलाद 2 हजार रुपए भरण पोषण का नही दे रही है।

सुक्का और श्यामराव के मामले बैतूल एस डी एम के पास ही जाना है पर इसमें होना जाना कुछ नही क्योंकि यह भी सर्वविदित है कि बैतूल एसडीएम कलेक्टर के आदेश या अनुशंसा को नही मानती है। वैसे सुक्का और श्यामराव के अलावा भी बैतूल शहर में कुछ और संभ्रांत और चर्चित लोग है जिनकी गति को देख कर लोग कहते है कि इन्होंने भी बेटा नही बाप पैदा कर लिया है हालाकि उनकी कहानी इस तरह सरकारी दफ्तर तक फरियाद के रूप में नही आई क्योंकि वे सक्षम लोग है मगर उनका दुःख भी सुक्का और श्यामराव से कम नही है।

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