छोटी उम्र बड़े कारनामे: ये है राधिका भारद्वाज जिसे हार्वर्ड के कॉन्फेंस में बोलने के लिए बुलाया जाता है
अधिकांश बच्चों का सपना होता है कि वे बड़ा होकर कुछ ऐसा करे जिससे कि देश-दुनिया में उनका नाम रोशन हो। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो बड़े होने का इंतजार नहीं करते। वे युवावस्था से पहले ही अपनी प्रतिभा का ऐसा कमाल दिखा जाते हैं जिसकी समय और समाज को जरूरत होती है। गाजियाबाद के सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में ग्याहरवीं में पढ़ने वाली 16 साल की राधिका भारद्वाज एक ऐसी लड़की का नाम है, जिसे हार्वर्ड के कॉन्फेंस में बोलने के लिए बुलाया जाता है। इंडिया टुडे के विशेषांक ने उसे 100 ऐसे लोगों की सूची में रखा, जो भारत को बदलने के लिए जुटे हुए हैं और वह उसमें सबसे कम उम्र की है।
वर्तमान में जब पूरी दुनिया जलवायु संकट से जूझ रही हो और यह भी आशंका जाहिर की जा रही हो कि तीसरा विश्वयुद्ध जलवायु संकट को लेकर होगा, तो ऐसे में राधिका भारद्वाज ने 2021 में हार्वर्ड प्रोजेक्ट फॉर एशियन एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स के कॉन्फ्रेंस में भाग लिया और इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति, मैकेंजी के सीईओ, फोरा के प्रमुख सहित सभी दिग्गजों को जलवायु संकट से पार पाने के टिप्स दे दिए। इतना ही नहीं, राधिका के सुझावों से सभी दिग्गज कन्विंश भी होते हुए नजर आए।
राधिका वह करना चाहती है जो सबके वश की बात नहीं। चुनौतीपूर्ण कार्यों को हाथ में लेना उसका शगल है। आप यह जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि वह मेल ब्रेस्ट कैंसर से सावधान रहने के लिए भी लोगों को जागरूक करती है। उसने इसके लिए इंस्टाग्राम पर Soul.Ed नामक पेज बना रखा है और आत्मा, मानसिक स्वास्थ्य और किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ सरल और सहज भाषा में लोगों को जानकारी देती है। यह काम वह 15-18 साल के बच्चों के सहयोग से संभव करती है। बच्चों को लेकर उसके पास कई योजनाएं हैं। वह स्कूल के सभी साथियों के साथ मिलकर ऑनलाइन The emissary as an administrator नामक मास मीडिया.कॉम चला रही है। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए वे बच्चों को भारत की समस्याओं के बारे में जागरूक करती है। राधिका का मानना है कि अभी से ही उनको जागरूक किया जाए, तो वे जागरूक होकर औरों के साथ-साथ अपनी भी मदद कर पाएंगे।
राधिका रैप (वर्कर्स राइट्स अवेयरनेस प्रोजेक्ट) नामक एक ग्लोबल प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है, जिसे उसने कई साथियों के साथ मिलकर स्थापित किया है। इस ग्रुप के जरिए वे कम आमदनी वाले या गरीब लोगों को उन सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देती है जो उनके लिए बनाई गई हैं। राधिका की इन्हीं असाधारण क्षमताओं से प्रभावित होकर हिन्दुस्तान टाइम्स समूह ने उसे अपने डिजिटल संस्करण के लिए स्टूडेंट एडिटर के रूप में नियुक्त किया है। अमेरिका की ''जागो'' ऑर्गेनाइजेशन ने उसे अपना पत्रकार बनाया है। उस समय तो राधिका सुर्खियों में ही आ गई जब इंडिया टूडे ने उसे वार्षिक विशेषांक में 100 ऐसे लोगों की सूची में रखा, जो भारत को बदलने के लिए जुटे हुए हैं और वह उसमें सबसे कम उम्र की है।
बारहवीं में पढ़ने वाली राधिका से जब सवाल किया गया कि इतना कुछ करने के बाद वह अपनी पढ़ाई कैसे संभव कर पाती है, तो उसने छूटते ही जवाब दिया कि मन का यदि आप कुछ करें, तो वह आपके और कामों को आसान बना देता है। पर्यावरण संरक्षण और बच्चे उसके प्रिय विषय हैं। वह अभी जितना कुछ कर पा रही है उससे वह संतुष्ट नहीं है। वह सॉलिड समाधान चाहती है और उसकी तैयारी में जुटी हुई है।