65 वर्ष की आयु में आत्महत्या करने की कोशिश की, वही इंसान 88 साल की उम्र तक कैसे बना अरबपति

अपनी खुद की बेटी से दुरी सहन नही कर पा रहे थे तो उससे मिलने के लिए उसे किडनेप करने की कोशिश की लेकिन वो प्लान भी फेल हो गया।

Update: 2019-05-26 13:41 GMT

नई दिल्ली। व्यक्ति के जीवन इतना सर्घषों से जुड़ा है कि उसको खुद पर भी विश्वास नही होता कि जिंदगी अर्श से शिखर पर और शिखर से जमीन पर कब पहुंचा दे इसका अंदाजा किसी को नही लगता हैं। आपको बताते है उस व्यक्ति के बारे में जो जीवन भर संघर्ष करता रहा लेकिन अपने अंतिम दिनों में सफलता की एक ऐसी मिसाल पेश की जिसे सुनकर कोई भी पैरो चले जमीन खिसक जायेगी। उसका नाम है कर्नल सैंडर्स है| जो बुरे समय मे हिम्मत नही हारी और अच्छे कभी अहंकार नही किया। जब वो 5 साल के थे तो खेलने की उम्र में उनके पिता जी का निधन हो गया। इसके बाद उनके जीवन में कठिनाईयां आना शरु हो गया। तो 16 साल की उम्र में वो स्कूल भी छोड़ दिये।

जब 17 साल की उम्र में उन्हें 4 नौकरियों से निकाला जा चुका था। 18 साल की उम्र में ही शादी हो गयी तो गृहस्थ आश्रम में अपना जीवन जीने लगे। आर्थिक स्थिति सही नही होने के कारण वो 18 से 22 वर्ष की आयु तक कंडकटर की नौकरी की उसके बाद आर्मी में गए वहां से निकाल दिया गया। इसके बाद वकालत कि शिक्षा लेने के लिए गये तो वहा से भी उनको निराशा हाथ लगी उनको वहा से रिजेक्ट कर दिया,लोगों के बीमा का काम शुरू किया उसमें भी असफलता ही मिली।

हालांकि 19 साल की उम्र में पिता बने। 20 साल की उम्र में उनकी पत्नी उनको छोड़ के चली गयी और बच्ची को अपने साथ ले गयी। इससे दुखी होकर वो एक होटल में बावर्ची का काम करना शुरु कर दिये। अपनी खुद की बेटी से दुरी सहन नही कर पा रहे थे तो उससे मिलने के लिए उसे किडनेप करने की कोशिश की लेकिन वो प्लान भी फेल हो गया।65 साल की उम्र में रिटायर हो गए, रिटायरमेंट के बाद पहले ही दिन सरकार की ओर से मात्र $105 का चेक मिला। कर्नल सैंडर्स इतना तनाव में रहने लगे कि उसने कई बार आत्महत्या करने की कोशिश की।

जिंदगी से परेशान होकर वो एक बार एक पेड़ के नीचे बैठ कर अपनी जिंदगी के बारे में लिख रहे थे तभी अहसास हुआ कि अभी बहुत कुछ करना बाकि है। इसके बाद वो अपने मन से आत्महत्या करने का जो विचार था उसको अपने दिलों दिमाग से निकाल दिये। उनके हाथ में एक वो कला था जो कुछ भी कर सकता था वो ये कि एक शानदार कुक(बाबर्ची) थे। और कर्नल सैंडर्स ने 100$ के चेक से $87 निकाले और कुछ चिकन फ्राई करके उसे गली गली में बेचने लगे। याद कीजिये जो इंसान 65 साल की उम्र में आत्महत्या करना चाह रहा था।

वही इंसान यानि कर्नल सैंडर्स 88 साल की उम्र में बने अरबपति यानि Kentucky Fried Chicken (KFC) के मालिक, आज दुनिया भर में KFC के होटल हैं और आज KFC एक बहुत बड़ा ब्रांड बन चुका है। आप चिकन पसंद करते हो या नहीं, ये अलग बात है। लेकिन कर्नल सैंडर्स का संघर्ष वास्तव में सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा। एक ऐसा इंसान जो अपना पूरा जीवन संघर्षो में व्यतित किया हो। यहाँ तक कि 65 वर्ष की आयु में आत्महत्या करने की कोशिश भी की, वही इंसान 88 साल की उम्र तक अरबपति बन गया। 

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