बिहार सरकार ने प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली 400 कम्पनियों को नोटिस किया - सुशील मोदी

Update: 2019-08-21 03:48 GMT

शिवानन्द गिरी 

पटना-बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि बिहार प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से उत्पादों की प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली 400 से अधिक कम्पनियों को नोटिस देकर बिक्री स्थल से प्लास्टिक कचरा संग्रह करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने वाली कम्पनियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

कचरा प्रबंधन नियम, 2016 पर आयोजित दो दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यक्रम का मंगलवार को उद्घाटन करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि बिहार प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से उत्पादों की प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली 400 से अधिक कम्पनियों को नोटिस देकर बिक्री स्थल से प्लास्टिक कचरा संग्रहण का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने वाली कम्पनियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

 उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप अगामी दो अक्टूबर से प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की दिशा में बिहार में भी एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और शादी समारोह एवं अन्य मौकों पर उपयोग होने वाले थर्मोकोल से बने कप, प्लेट, चम्मच, थाली, ग्लास आदि सभी सामान को प्रतिबंधित करने के लिए मसौदा अधिसूचना जल्द जारी किया जायेगा।

 उन्होंने कहा कि इस बाबत 600 लोगों ने अपने सुझाव दिये हैं जिनमें प्लास्टिक उत्पाद निर्माताओं एवं विक्रेताओं के 236 सुझाव हैं। सुशील ने कहा कि इस महीने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आहुत एक बैठक के बाद कोकाकोला कंपनी एवं पटना नगर निगम के बीच प्लास्टिक पैकेजिंग के प्रबंधन के लिए एक समझौता हुआ है।

उन्होंने कहा कि कोकाकोला कंपनी अपनी उपयोग की गई बोतलों को संग्रहकर शीघ्र ही पटना के गर्दनीबाग में उसके प्रबंधन के लिए प्लांट स्थापित करेगी। इसके साथ ही सुधा डेयरी को भी दूध के पाउच को संग्रह कर उसका प्रबंधन करने के लिए कहा गया है।

 

सुशील ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग के कुप्रभावों से मुकाबला और जल, वायु प्रदूषण से मुक्ति के लिए कचरा प्रबंधन एक चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जनजागृति से ही इस चुनौती का सामना किया जा सकता है। एक बार इस्तेमाल प्लास्टिक पर प्रतिबंध पूरे देश में एकसाथ लागू करने के साथ इसके निर्माण को ही रोककर इस मुहिम को सफल किया जा सकता है। लोगों को अपनी आदत में बदलाव लाने की जरूरत है। जनसहभागिता एवं जागरुकता से ही इस आंदोलन को सफल बनाया जा सकेगा।

 

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