प्रियंका के दखल के बाद नीतीश कुमार ने दी बीजेपी को पीके के बहाने नसीहत!
2019 के चुनाव के बाद अब भारतीय राजनीत का चेहरा बदला हुआ सा प्रतीत हो रहा है. इस वजह से पीके अपने सारे विकल्प भी खुले रखना चाह रहे है. वैसे भी राजनीति में तो हमेशा संभावनाओं का खेल चलता है और जो वक्त के साथ चेंज हो जाता है व्ही असली खिलाड़ी भी साबित होता है.;
कांग्रेस में प्रियंका गांधी के सियासत के समर के कूदने के ऐलान के बाद देश में बीजेपी विरोधी और उसकी सहयोगी पार्टियों का रुख कांग्रेस के प्रति नरम होता नजर आ रहा है. उसके प्रति सबसे बड़ी बात यही है कि प्रियंका में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि दिख रही है.
चूँकि अब बिहार में बदली परिस्तिथियों के अनुसार बिहार में जदयू कभी कांग्रेस की मदद से अपनी साख बचा पाया था. उसीके चलते जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के प्रति अपना सकारात्मक बयान देकर बिहार में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. माना जा रहा है कि यह पीके के द्वारा नितीश कुमार द्वारा दिलवाया गया बयान है. जिससे सबकी निगाह में यह बात रहे कि नीतीश कुमार के कांग्रेस से भी रिश्ते बेहतर है. और बीजेपी को एक संदेश भी चला जाय कि नीतीश कुमार कुछ भी करने में समर्थ है. उनके लिए अभी भी सभी दरवाजे खुले है.
बता दें कि बिहार में मार्च के पहले हप्ते में एनडीए की एक रैली है. नीतीश कुमार चाहते है कि इस रैली से पहले पीएम मोदी की जुबान से यह बात तय हो जाय कि एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही है और रहेंगे. इसके बगैर नीतीश भी बीजेपी के साथ अब टिकने वाले नहीं है. प्रशांत किशोर के बहाने अब जदयू प्रेशर पोलिटिक्स का खेल खेल रहा है. यह बात भी सभी समझ रहे है. चूँकि बीजेपी अभी तीन राज्यों में मिली हार से प्रेशर में आ गई है साथ ही कई छोटे बड़े दल नाराजगी जता चुके है तो कुछ बाय बाय भी कह चुके है. ऐसे में अब बीजेपी प्रेशर में ही बात मानेगी वैसे नहीं और बिहार में तो इस बात की पक्की मोहर रामविलास पासवान ने लगा दी है.
2019 के चुनाव के बाद अब भारतीय राजनीत का चेहरा बदला हुआ सा प्रतीत हो रहा है. इस वजह से पीके अपने सारे विकल्प भी खुले रखना चाह रहे है. वैसे भी राजनीति में तो हमेशा संभावनाओं का खेल चलता है और जो वक्त के साथ चेंज हो जाता है व्ही असली खिलाड़ी भी साबित होता है.