हत्या के मामले में फंसे नीतीश, कोर्ट से नहीं मिली राहत !

Update: 2018-12-15 09:20 GMT

 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हत्या के एक मामले में फंसे होने पर पटना हाईकोर्ट में देश के दिग्गज वकीलों की फौज उतारनी पड़ी. नीतीश कुमार ने देश के जाने माने क्रिमिनल वकील सुरेंद्र सिंह को जबलपुर हाईकोर्ट से बुलाकर पटना में खड़ा किया. सुप्रीम कोर्ट के वकील गोपाल सिंह समेत आधा दर्जन बड़े वकील आज पटना हाईकोर्ट में खड़े होकर नीतीश कुमार को मर्डर केस से राहत देने की दलील पेश करने में लगे रहे. लेकिन कोर्ट ने अगली तारीख लगा दी है. 

 नीतीश कुमार के खिलाफ क्या है मामला

मामला 27 साल पुराना है. 1991 में बाढ़ संसदीय क्षेत्र में हो रहे चुनाव में नीतीश कुमार उम्मीदवार थे. 16 नवंबर 1991 को मतदान के दौरान पंडारक थाने के ढ़ीबर गांव में बूथ पर फायरिंग हुई जिसमें कांग्रेसी कार्यकर्ता सीताराम सिंह का मर्डर हो गया. पुलिस ने मामले की जांच कर फाइनल रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें नीतीश कुमार का नाम नहीं था. लेकिन इस घटना में FIR कराने वाले अशोक सिंह ने कोर्ट में परिवाद दायर किया और नीतीश कुमार पर रायफल से गोली चलाकर सीताराम सिंह की हत्या करने का आरोप लगाया. 31 अगस्त 2010 को बाढ़ कोर्ट ने दो गवाहों का बयान सुनने के बाद नीतीश कुमार को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश जारी कर दिया. नीतीश कुमार को 9 सितंबर 2010 को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था. बाढ़ कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ नीतीश कुमार पटना हाईकोर्ट चले गये. हाईकोर्ट ने बाढ़ कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है और आज उसकी तारीख थी.

नीतीश के समर्थन में उतरी वकीलों की फौज

पटना हाईकोर्ट में आज जस्टिस ए. अमानुल्लाह की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान नीतीश कुमार का पक्ष रखने के लिए देश भर के दिग्गज वकीलों को बुलाया गया था. देश के जाने माने वकील सुरेंद्र सिंह खास तौर पर जबलपुर हाई कोर्ट से पटना बुलाया गये थे. सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता गोपाल सिंह को भी नीतीश कुमार का पक्ष रखने के लिए लाया गया था. उनके साथ अधिवक्ता भास्कर शंकर, मनिंदर सिंह, राकेश सिंह समेत आधा दर्जन वकील बिहार के मुख्यमंत्री को मर्डर केस से राहत दिलाने के लिए दलीलों के साथ तैयार थे. सुरेंद्र सिंह ने कोर्ट में कहा कि एक ऐसे व्यक्ति ने मर्डर केस में नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत की है जिसका केस से कोई लेना देना नहीं है. उस शिकायत के आधार पर बाढ़ के ACJM ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर नीतीश कुमार के खिलाफ संज्ञान ले लिया, लिहाजा हाईकोर्ट को इस केस को ही खत्म कर देना चाहिये.

नीतीश के खिलाफ दी तगड़ी दलील

सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ खड़े वकील दीनु कमार ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों को कोर्ट में पेश कर दिया. दीनु कुमार के मुताबिक किसी भी मर्डर केस को बगैर ट्रायल के हाईकोर्ट खत्म नहीं कर सकता. लिहाजा, नीतीश कुमार को बाढ़ कोर्ट में जाकर मर्डर केस का ट्रायल फेस करना चाहिये.


बुरे फंसे नीतीश 

सीएम नीतीश कुमार के समर्थन में उतरी वकीलों की फौज हाईकोर्ट से नीतीश के खिलाफ केस खत्म नहीं करा पायी. हां, फौरी तौर पर राहत जरूर मिली. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को 17 जनवरी तक के लिए टाल दिया है. 17 जनवरी को मामले पर अगली सुनवाई होगी. अब देखना होगा कि अगली तारीख पर क्या होगा निर्णय.


तेजस्वी ने कहा 

राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी पर 27 साल से हत्या का केस चल रहा है. सरकार सीएम नीतीश कुमार को बचाने के लिए सबूत नष्ट और गवाहों को प्रभावित करवा रही है. नैतिकता का ढोल पीटने वालों ने किस प्रबंधन के चलते होंठों पर ताला जड़ा हुआ है?  इतने सालों से मर्डर केस का ट्रायल किसने रुकवा रखा था?  अगर नीतीश जी हत्या में सम्मिलित नहीं है तो ट्रायल का सामना करने से क्यों डर रहे है?  नीतीश जी , अंतरात्मा का क्या कहना है?

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