छपरा: दारोगा और सिपाही हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज, थानाध्यक्ष ने चस्पाया गिरफ्तारी वारंट

Update: 2019-08-24 16:06 GMT

छपरा-(राजू जायसवाल)जिले के मढौरा प्रखंड में एसआईटी की टीम पर हमला के बाद एसआईटी के एक दारोगा और एक सिपाही की गोली मारकर हत्या कर हथियारों को लूटने के मामले के आरोपियों के घरों पर थानाध्यक्ष रामबालेश्वर राय ने गिरफ्तारी का वारंट चस्पाया है।

सनद रहे कि 20 अगस्त की देर संध्या मढौरा के सबसे व्यस्ततम बाजार में शिव वस्त्रालय के समक्ष एसआईटी जीप पर गोलियों की बौछार की गई। जिससे जीप पर सवार एसआईटी टीम के सदस्यों में दारोगा मिथलेश कुमार साह, सिपाही मोहम्मद फारुख आलम की गोली लगने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई। जबकि एक सिपाही रंजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। सूत्रों के अनुसार गाड़ी का चालक और एक सिपाही भागकर जान बचा पाए। घटना को लेकर एसआईटी के दारोगा विकास कुमार के द्वारा 20 अगस्त को मढौरा थाना में काण्ड संख्या-596/2019में एसआईटी टीम के दारोगा और सिपाही की हत्या करने, एक सिपाही को गोली मारकर जख्मी करने सहित एसआईटी के हथियारों को लूट मामले में थाना क्षेत्र के अवारी गांव निवासी एवं सलिमापुर पंचायत के मुखिया अरुण सिंह की पत्नी व जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण, मीना अरुण के पति और बलिया के जेल में बंद अरुण सिंह, अरुण सिंह के भतीजा सुबोध सिंह, मढौरा निवासी अभिषेक सिंह, इसुआपुर थाना क्षेत्र के चनचौरा निवासी पवन सिंह, मढौरा थाना क्षेत्र के नवर्धा निवासी राजू सिंह तथा गलिमापुर के रोहित सिंह को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।

थानाध्यक्ष राम बालेश्वर राय ने बताया कि आरोपित अभियुक्तों के द्वारा अगर न्यायालय में समर्पण नहीं किया गया तो कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। कांड संख्या 596/19 एसआईटी( विशेष जांच टीम) के दरोगा मिथिलेश कुमार साह और हवलदार फारुक आलम हत्या मामले में एसआईटी के सहायक अवर निरीक्षक विकास कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है उन्होंने अपने प्राथमिकी मे दर्शाया है कि दोपहर 15ः30 पर एसआईटी मिथिलेश कुमार साह, सिपाही रजनीश कुमार, सिपाही फारूक आलम, सिपाही जितेंद्र कुमार, अपने अपने अस्त्र-शस्त्र एवं पिस्टल, एके-47, पुलिस बोलेरो गाड़ी से छपरा से मंडोरा के लिए प्रस्थान किए मंडोरा पहुंचने पर गरखा थाना कांड संख्या 512/19 अंदर दफा 395 के आरोपियों द्वारा उपयोग में लाई जा रही मोबाइल के संबंध में जांच पड़ताल किया गया।मढ़ौरा थाना अध्यक्ष बालेश्वर राय से बातचीत की गई उसके बाद 18ः20 पर छपरा के लिए वापस आने के क्रम में मढ़ौरा बाजार एलआईसी कार्यालय के पास शिव वस्त्रालय पहुचते ही 8 -9 अपराधी उजली स्कॉर्पियो गाड़ी से हाथ में राइफल, रिवाल्वर रखे हुए आगे से घेर लिए तब तक मोटरसाइकिल पर भी और 5 -6 अपराधी आ गए सभी हाथो मे हथियार लिए थे और सब बोल रहे थे कि मिथलेश दरोगा हम लोगों के पीछे हाथ धोकर पड़ा है यह कहते हुए गाड़ी का गेट खोल कर राइफल के बट से मारने लगे और अंधा धुन फायरिंग करने लगे। एसआईटी मिथिलेश साह और सिपाही रजनीश का पिस्तौल और सिपाही फारुख आलम का एके-47 गोली सहित अपराधी लूट लिए और लगभग आठ मिनट तक फायरिग करते रहे और 30 राउंड गोली चलाएं सूचक अपनी जान बचाने के लिए भीड़ मे घुस गया तब जान बची पुलिस ने अंदर दफा 147,148,149, 323, 325, 326, 379, 332, 333, 307, 302, 504, 120बी, तथा 25 एवं 27 आर्म्स एक्ट मे प्राथमिकी दर्ज की है और सात लोगो पर नामजद प्रथमिकी की है जिसमे ग्राम एवं थाना- मढ़ौरा निवासी अभिषेक सिंह , ग्राम-अवारी ग्राम आवारी थाना मढ़ौरा निवासी सुबोध सिंह (जो वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष के भतीजा है), रोहित सिंह ग्राम- गलिमापुर ,थाना-तरैया, पवन सिंह ग्राम- चनचौरा थाना- इसुआपुर , राजू सिंह ग्राम- नवादा थाना- मढ़ौरा तथा अरुण सिंह वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष के पति तथा श्रीमती मीना अरुण अध्यक्ष जिला परिषद दोनों ग्राम-अवारी थाना मढ़ौरा निवासी एवं अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई है घटना का कारण उन्होंने बताया है कि पूर्व में जिला परिषद अध्यक्ष मीणा अरुण एवं उनके पति के निजी गार्ड जो इस कांड के आरोपी भी है रोहित सिंह को पकड़ने में एसआईटी टीम ने सक्रिय भूमिका अपनाई थी जिसके कारण प्रतिशोध में इस घटना को अंजाम दिया गया है। बताते चले कि मढ़ौरा बाजार स्थित एलआईसी कार्यालय के सामने मंगलवार की देर शाम एसआईटी के दरोगा मिथिलेश कुमार एवं उनके सिपाही फारूक की हत्या के बाद घटना स्थल से पुलिस ने अपराधियों का एक रिवाल्वर बरामद किया था। रिवाल्वर लाइसेंसी है। उसी लाइसेंसी रिवाल्वर के आधार पर पुलिस इस घटना को अंजाम देने वाले गिरोह तक पहुंची है। जिसके बाद इसका काफी हद तक उद्धभेदन हुआ है।

घटनास्थल से जो लाइसेंसी रिवाल्वर बरामद किया गया है वह जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण के नाम का है। उन्ही के नाम पर उसका लाइसेंस निर्गत है। इस संबंध में डीआईजी विजय कुमार वर्मा ने बताया कि लाइसेंसी रिवाल्वर ने पुलिस को काफी मदद किया है। उस रिवाल्वर का लाइसेंस मीना अरूण के नाम पर है। जिप अध्यक्ष के नाम का लाइसेंस होने से बहुत कुछ स्पष्ट हो गया है। सूत्रों का कहना है कि जिला परिषद की अध्यक्ष के नाम से निर्गत रिवाल्वर का प्रयोग उनके भतीजा द्वारा अक्सर किया जाता था। इस घटना को लेकर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे सघन पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद से जिला परिषद की अध्यक्ष फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उनके गांव व छपरा स्थित सरकारी आवास में छापामारी किया है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि करीब एक दशक पूर्व मीना अरूण के नाम से रिवाल्वर का लाइसेंस निर्गत था। इसके अलावा अरुण सिंह के घर में कितने लाइसेंस निर्गत किए गए हैं, इसकी भी जांच प्रशासनिक टीम कर रही है। जांच के बाद त्वरित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


सूत्रों के अनुसार पुलिस द्वारा जो जब्ती सूची बनाई गई है, उसमें बताया गया है कि रिवाल्वर लोडेड था। उसमें पांच जिदा कारतूस था। ऐसा प्रतीत होता है कि इससे एक फायर किया गया है। इसके अलाव पांच खोखा भी घटना स्थल से मिला है।मढ़ौरा में एसटीएफ व सीआईबी की टीम कर रही है जांच मढ़ौरा थाने में एसटीएफ व सीआईबी की टीम पहुंचकर घटना को लेकर जांच में जुट गयी है। पुलिस अधिकारी व अन्य स्त्रोतों से जरुरी पूछताछ चल रहा है और अन्य नामजद व अज्ञात की गिरफ्तारी को छापेमारी की जा रही हैं।

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