मातृत्व और नवजात शिशु जागरूकता शिविर का समापन, प्रखंड के दो एएनएम को दिया गया ट्रेनिंग

Update: 2019-08-24 05:00 GMT

छपरा-(राजू जायसवाल)

छपरा सदर अस्पताल परिसर स्थित क्षेत्रीय ट्रेनिंग सेंटर में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन शुक्रवार को किया गया। शिविर में अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत जिले के दस प्रखंडों के दो - दो एएनएम को डीएमटी(डिस्ट्रिक्ट मानिटरिंग टीम) आउटरिच का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रसव के दौरान माता एवं नवजात को बेहतर ढंग से चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लेबर रूम में कार्यरत नर्स को प्रशिक्षित कर उनका क्षमतावर्धन किया जा रहा है, जिसमें प्रसव की जटिलतायें, संक्रमण, रेफरल की सुविधा आदि विषयों को शामिल किया गया। इन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा रहा है। ये अपने पीएचसी में शेष एएनएम को प्रशिक्षण देंगी।

मातृ- शिशु समस्याओं की दी गयी जानकारी

केयर इंडिया की सालवी राणा,ज्योति दागरा और सानिया के द्वारा सभी एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। साल्वी राणा ने बताया इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृत्व और नवजात शिशुओं से संबंधित समस्याओं की जानकारी देना है। महिलाओं के प्रसव के समय जानकारी रहने पर एएनएम बेहतर परामर्श और देखभाल कर सकती है। आकस्मिक समस्या आ जाने पर चिकित्सकों को सूचना और सलाह के आधार पर प्रसव कराने वाली महिला की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। सदर अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम को ट्रेंड करने के लिए केयर इंडिया के तकनीकी सहयोग से राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश में अमानत ज्योति कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल से राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।केयर इंडिया के संजय विश्वास और प्रणव कमल ने कहा एएनएम के स्किल डेवलपमेंट के मकसद से यह ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर प्रशांत सिंह, अमितेश कुमार , गजाधर तिवारी, प्रेमा कुमारी, अजीत सिंह, राजन, आशुतोष, अमित और सौम्या ने अमानत ज्योति कार्यक्रम की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमानत योजना के शुरू होने से एक महीने से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में करीब सात फीसदी की कमी आई है। सदर हॉस्पिटल के डीएस डॉ दीपक कुमार ने सभी नर्सों को अमानत ट्रेंनिंग का सर्टफिकेट देकर सम्मानित किया।

इन प्रखंडों के एएनएम को दिया गया ट्रेनिंग

जिले के गरखा, मकेर, इसुआपुर, नगरा, जलालपुर, पानापुर, लहलादपुर,रिविलगंज,मांझी तथा एकमा प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से चयनित दो-दो एएनएम को दूसरे चरण में प्रशिक्षण दिया गया। अब ये नर्स मेंटर अपने- अपने पी एच सी पर सभी नर्सों को प्रशिक्षण देंगी। नर्स मेंटर में सरोज कुमारी, रतन कुमारी, प्रमिला,निर्मला, उषा,इंदु,कल्पना, रीता, जम्यंती, भगवंती,प्रसून,सोनी, शशिकला,प्रीति,सुनीता,आशा रानी,निर्मला बबीता,प्रीति इत्यादि ने ट्रेंनिंग लिया।

पीएचसी के दो एएनएम को मास्टर ट्रेनर के रूप में किया जा रहा है तैयार

अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत पहले जिलास्तर पर प्रत्येक प्रखंड से चयनित दो-दो एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए प्रखंड लेवल पर सभी एएनएम का टेस्ट लिया गया था। जिसके आधार पर जिलास्तरीय प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक प्रखंड से दो-दो एएनएम का चयन किया गया था। जिन्हे प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां से प्रशिक्षित एएनएम प्रखंडस्तरीय प्रशिक्षण में सभी एएनएम को ट्रेनिंग देंगी।

क्या है अमानत कार्यक्रम

यह कार्यक्रम मातृत्व एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जा रहा है। इसके तहत चिकित्सकों एवं नर्सों को सुरक्षित प्रसव कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लायी जा सके।

यह होगा फायदा

- इस कार्यक्रम के तहत कमजोर नवजात की पहचान एवं आवश्यक देखभाल में सुधार होगा

- बच्चों एवं महिलाओं में खतरे के कारणों की पहचान एवं उपचार में गुणात्मक सुधार होगा

- साथ ही गर्भवती महिलाओं का नर्स एवं अस्पताल कर्मियों पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा

- अमानत कार्यक्रम प्रारंभ होने से अस्पताल की चिकित्सा गुणवता में सुधार होगा। इससे अस्पताल के चिकित्सकीय व्यवस्था का सर्वांगिण विकास होगा

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