सीपीआई की नई रणनीति बेगुसराय लोकसभा सीट के अलावा करेगी महागठबंधन का समर्थन

Update: 2019-03-23 12:42 GMT

शिवानंद गिरि 

पटना-महागठबंधन में शामिल नहीं  करने के बाद सीपीआई अपनी नई रणनीति बनाई है.अब सीपीआई बेगुसराई के अलावे बिहार के किसी भी सीट पर अपना उम्मीदवार नही उतारेगी। पार्टी का  मानना है गठबंधन के बिना भी वह कई बार जीत दर्ज की है और इस बार भी वह निश्चित रूप  बेगूसराय जीतेगी.।

सीपीआई के  पूर्व राज्य सचिव व बेगूसराय के बरौनी विधानसभा से कई बार विधायक रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह ने एक विशेष बातचीत में खुलासा किया के सीपीआई का मुख्य उद्देश्य बीजेपी को हराना है इसलिए वह केवल बेगूसराय सीट पर ही अब अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी जबकि बिहार की बाकी सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए  से मदद करेगी ।बेगूसराय सीट से उम्मीदवार कन्हैया की उम्मीदवारी बदलने पर उन्होंने साफ तौर पर इंकार करते हुए कहा कि कन्हैया चुनाव लड़ेगा और काफी मजबूती से चुनाव लड़ेगा ।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि  यदि विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव आएगा तो सीपीआई जरूर शामिल होगी अन्यथा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बदलते माहौल में सीपीआई कहां खड़ी है बेगूसराय में और उसका मुकाबला किससे होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि   अभी तो विभिन्न दलों ने उम्मीदवार ही घोषित किए हैं लेकिन हम यह सीट   जीत रहें है।उन्होने कहा कि   हमारा संगठन काफी मजबूत है और 1980 सहित कई बार हम बिना गठबंधन के यहां से अपने संगठन की बदौलत जीत दर्ज कर चुके हैं।

गौरतलब हो कि सीपीआई  महागठबंधन में  शामिल होने की  इच्छा जता  रही थी लेकिन राजद  सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने यह कह कर  कि बिहार में वामपंथी दलों में केवल भाकपा माले का ही जनाधार है  इसलिए मार्ले को छोड़कर किसी भी वामपंथी पार्टी को शामिल नहीं किया  ।वही सीपीआई ने बेगुसराई सीट से जेनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित करते हुये बिहार के कुछ अन्य  सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने  की घोषणा की थी  ।जिस तरह से जेल से आने के बाद लालू प्रसाद ने कन्हैया कुमार का स्वागत और समर्थन किया ,तेजस्वी ने सभा की थी उससे उम्मीद थी की सीपीआई को सीट डि जा सकती हाय लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

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