आर्थिक मंदी पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी का अजीब बयान, बोले- 'सावन-भादो में रहती है मंदी'

इस बार कुछ राजनीतिक दल इस मंदी का ज्यादा शोर मचा कर चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं."

Update: 2019-09-02 04:27 GMT

पटना : जीडीपी के ताजा आंकड़े मंदी की ओर इशारा करते दिख रहे हैं. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर करीब 6 साल में सबसे कम होकर 5 फीसदी पर पहुंच गई है. एक साल में ही जीडीपी में 3 प्रतिशत की भारी गिरावट हुई है. लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मानते हैं कि हर साल सावन भादो के महीने में मंदी होती है. लेकिन इस बार उनके अनुसार इसका शोर इसलिए मचाया जा रहा है कि चुनावी पराजय की खीझ उतर सके.

अपने ट्वीट में मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा की और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे चौतरफा उपाय किये हैं. लेकिन इसका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा.


 डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट किया, "अमूमन हर साल सावन-भादो में अर्थव्यवस्था में मंदी रहती है, लेकिन इस बार कुछ राजनीतिक दल इस मंदी का ज्यादा शोर मचा कर चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं."

बता दें कि सावन और भादो हिन्दू कैलेंडर का पांचवां और छठा महीना है. इस महीने में हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक नये सामानों की खरीद नहीं होती है और न ही नया काम शुरू किया जाता है.  

 सुशील मोदी ने कहा, "केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा की है और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल की है. सरकार के इन उपायों का असर अगली तिमाही में होगा."

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं है, इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी है. सुशील मोदी ने कहा कि सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है.

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