पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत पर्यावरण रत्न, एस एन सुब्बाराव राष्ट्र रत्न एवं गुप्तेश्वर पाण्डेय राज्य रत्न सम्मान से सम्मानित
सिवान,बिहार। विक्रमशिला शिक्षा समिति, बिहार द्वारा आज वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत को पर्यावरण के क्षेत्र में बीते तीन दशकों में उल्लेखनीय योगदान एवं पर्यावरण रक्षा हेतु जनजागृति के लिए "पर्यावरण रत्न सम्मान " से सम्मानित किया गया। यह सम्मान श्री रावत को प्रख्यात गांधीवादी,राष्ट्रीय सेवा योजना के संस्थापक एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत एस एन सुब्बाराव एवं पुलिस महानिदेशक, बिहार गुप्तेश्वर पांडेय ने विक्रमशिला शिक्षा समिति, सिवान के बालाजी तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के उदघाटन के अवसर पर प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप श्री रावत को एक प्रशस्ति पत्र, एक स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट की गई ।इसके अलावा एस. एन. सुब्बाराव जी को राष्ट्र रत्न सम्मान एवं गुप्तेश्वर पांडेय को राज्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री राव एवं श्री पाण्डेय को भी सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह व शाल भेंट की गई।
इस अवसर पर बिहार सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोग़ा प्रसाद राय की स्मृति में बने पोस्ट ग्रैजुएट कालेज के संस्थापक सचिव अबध बिहारी चौधरी, पूर्व प्रधानाचार्य दारोगा प्रसाद राय पी जी कालेज संतोष यादव, जेड ए इस्लामियां पी जी कालेज सिवान के हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. हारून शैलेन्द्र,गांधीवादी रमेश चन्द्र, विक्रमशिला शिक्षा समिति के निदेशक प्रमुख शिक्षाविद डा. जगदीश चौधरी, सचिव श्रीमती डा. मंजु डागर आदि राज्य के प्रमुख पुलिस अधिकारियों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, समाजशास्त्रियों एवं समाजसेवियों की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।
इससे पूर्व जल, शिक्षा एवं प्रबंधन पर आयोजित सेमिनार में डा. जगदीश चौधरी, पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत, भगवानजी दुबे, संतोष यादव, रमेश चंद्र शर्मा, ए. बी. चौधरी आदि जल एवं नदी संरक्षण से जुड़े प्रमुख कार्यकर्ताऔं ने जल संकट, उसके कारणों, निदान, जल संरक्षण ,जल संचय की विधियां पर विस्तृत प्रकाश डाला सेमिनार में सभी वक्ताओं ने उपस्थित जन समूह से जल की बर्बादी रोकने और जल संचय की पारंपरिक प्रणालियों को पुन: अपनाने व रैन वाटर हार्वैस्टिंग प्रणाली के प्रचार-प्रसार के लिए तुरंत जुट जाने का संकल्प कराया।
इस अवसर पर अपने उदघाटन संबोधन में सुब्बाराव ने कहा कि युवा देश की रीढ़ हैं। उनके ऊपर राष्ट्र निर्माण की महति जिम्मेदारी है। देश का विकास तभी संभव है जब नौजवान राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बंकर सांप्रदायिक सौहार्द, सद्भाव और सामंजस्य की भावना से एकजुट हो राष्ट्र निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दे।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि व्यक्ति के निर्माण में संस्कार, वातावरण, शिक्षा, आचार-विचार और परिवार की अहम भूमिका होती है। शिक्षा उसे संवारने, बनाने और निखारने में कुशल चितेरे का दायित्व निबाहती है। राष्ट्र का चरित्र तभी उज्ज्वल होता है, जब उसमें रहने बसने वालों का जीवन उच्च आदर्शों से प्रेरित हो।
अंत में संस्थान के निदेशक डा. जगदीश चौधरी ने उपस्थित जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके इस आयोजन में पधारना पर हम गौरवान्वित हैं। मैं डा. राजेन्द्र प्रसाद, महात्मा गांधी के सहयोगी मौलाना मजरुह हक और ब्रजकिशोर बाबू की इस धरती में शिक्षा के विकास में कोई कोर कसर नहीं रहूंगा।