आर्थिक तंगी से परेशान चल रहे परिवार के पांच लोंगों ने आत्महत्या कर ली

मृतकों में मिश्री लाल साह उनकी पत्नी रेणु देवी 45 वर्ष, उनकी दो नाबालिग बेटी और एक बेटा शामिल है।

Update: 2021-03-13 05:47 GMT

बिहार के (Bihar)सुपौल (supaul) जिले में एक ही परिवार के पांच लोगों के शव फंदे पर लटके मिले। माता, पिता और तीन बच्चों की एक साथ अत्महत्या से इलाके के लोग सकते में हैं। आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक तंगी से परेशान चल रहे परिवार ने आत्महत्या कर ली है, हालांकि पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है। भागलपुर से फारेंसिक टीम पहुंच चुकी है। मौके पर आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी है। ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

जानकारी मुताबिक राघोपुर पंचायत के गद्दी वार्ड 12 के मिश्री लाल साह (50) के घर गंध आने पर ग्रामीणों ने इनकी सूचना मुखिया मो तस्लीम को दी। इसके बाद मुखिया सहित अन्य लोग घर कर बाहर के दरवाजे पर लगे ताले को तोड़कर अंदर घुसे। घर का एक कमरा भीतर से बंद था। लोगों ने खिड़की से देखा तो पांच लोगों का शव रस्सी के फंदे से लटक रहे थे।

मृतकों में मिश्री लाल साह उनकी पत्नी रेणु देवी 45 वर्ष, उनकी दो नाबालिग बेटी और एक बेटा शामिल है। लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। घटना के बाद मौके पर एसपी मनोज कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष सुशांत कुमार चंचल सहित डीएसपी रामानंद कौशल पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।

पुलिस प्रथमदृष्टया इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला मान रही है। हालांकि अबतक कारणों का पता नहीं चल पाया है। फोरेंसिंक टीम भी घटनास्थल पर पहुंचने वाली है। पुलिस अभी कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस के मुताबिक घटना खुदकुशी है या कुछ और ये जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

घटना के बारे में जो जानकारी निकल कर आ रही उसके अनुसार परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले शनिवार तक इस परिवार के लोगों को देखा गया था लेकिन उसके बाद से लोगों ने घर के किसी सदस्य को नहीं देखा। घटना से आसपास के लोग सकते में हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से गुजर बसर करने के लिए मिश्रीलाल साह ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी थी। दो साल से आर्थिक तंगी से गुजर रहा यह परिवार कोयला बेचकर गुजारा कर रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ दिनों से परिवार ग्रामीणों से अलग-थलग रहने लगा थ। लोगों से मेल मिलाप भी एकदम कम कर दिया था। लोगों ने भी उनकी खोज-खबर लेनी छोड़ दी थी।

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