बिहार में डेढ़ दशक तक रहे राजनीति के केंद्र, कोसी-मिथिलांचल को पहचान दिलानेवाले डॉ. जगन्नाथ मिश्र का आज होगा अंतिम संस्कार

डॉ. जगन्‍नाथ मिश्र नहीं रहे। वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। डॉ. मिश्र 1990 में नरसिंह राव सरकार में ग्रामीण विकास व रोजगार विभाग के केंद्रीय मंत्री भी रहे। ...

Update: 2019-08-21 03:43 GMT

शिवानन्द गिरी 

पटना-बिहार में डेढ़ दशक तक रहे राजनीति के केंद्र, कोसी-मिथिलांचल को पहचान दिलानेवाले डॉ. जगन्नाथ मिश्र का आज होगा अंतिम संस्कार .इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है।राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार।

उनका अंतिम संस्‍कार बुधवार को उनके पैतृक गांव सुपौल के बलुआ में होगा। डॉ. मिश्र 1975 से 1990 तक डेढ़ दशक के दौरान तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। अपने शासनकाल में उन्होंने मधेपुरा, अररिया, कटिहार आदि जिलों का सृजन करते हुए कोसी-मिथिलांचल को दी नई पहचान दी। 

एमएलसी बनकर शुरू किया राजनीतिक जीवन

पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र के सबसे छोटे भाई एवं तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे डॉ. जगन्नाथ मिश्र ने एमएलसी बनकर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।  अपने बड़े भाई ललित बाबू के सानिध्य में 1972 में झंझारपुर से वे पहली बार विधायक चुने गए और बिहार कैबिनेट में सिंचाई व विद्युत मंत्री बने।

1975 से 1990 तक तीन बार बने मुख्यमंत्री

तीन जनवरी 1975 को ललित नारायण मिश्र की हत्या कर दी गई। इसके बाद इंदिरा गांधी ने डॉ. जगन्नाथ मिश्र को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया। पहली बार वे 1977 तक मुख्यमंत्री रहे। जनता पार्टी के शासन के दौरान विधानसभा के नेता विपक्ष रहे। दूसरी बार फिर कांग्रेस सरकार में ये 1980 से 1983 तक मुख्यमंत्री बने। 1989 से 90 तक वे तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। डॉ. मिश्र 1990 में नरसिंह राव सरकार में ग्रामीण विकास एवं रोजगार विभाग के केंद्रीय मंत्री भी रहे।

कोसी व मिथिलांचल को बहुत कुछ दे गए डॉ. मिश्र

अपने शासनकाल में उन्होंने कोसी व मिथिलांचल को बहुत कुछ दिया। मधेपुरा, अररिया, कटिहार आदि जिलों का सृजन करते हुए इस क्षेत्र में कई रेफरल अस्पतालों, मवेशी अस्पतालों, ग्रामीण सड़कों और नदियों पर लकड़ी पुल बनवाने का काम किया।  मालूम हो कि बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का सोमवार को दिल्‍ली में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।

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