चम्पारण के किसानों की समस्या को लेकर दिल्ली में सरदार वीएम सिंह से मिले समाजसेवी गोविंद कुमार

Update: 2018-10-28 04:51 GMT

जहां एक तरफ चंपारण के किसान सूखे से परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार ने प्रदेश के 23 जिलों के 206 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. लेकिन पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के एक भी प्रखंड को सूखा घोषित नहीं किया गया और वही जिला प्रशासन ने भी इस बात से इंकार किया कि किसानों की फसल सूखी नहीं है बल्कि सामान्य स्थिति में है। यह सरकार की दोहरी नीति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। जो किसान पाई- पाई जोड़कर खेती में पैसे लगाता है और जब वही किसान के फसल बर्बाद हो जाए, मॉनसून धोखा दे देती है ,सरकार भी धोखा दे रही है, तो फिर किसान क्या करेगा?


किसान के पास क्या रास्ता है ? आत्महत्या के सिवा और कोई रास्ता नहीं है किसान के पास। किसान अपनी दीपावली कैसे मना पाएगा ? जिले में जो भी नहर है उसमें पानी नहीं है और जो भी छोटे-छोटे नहर है उसकी सफाई समय पर नहीं होती और ना ही उसमें कभी पानी दिया जाता है और ऊपर से सरकार दिन प्रतिदिन डीजल के दाम बढ़ा रही है । डीजल के दाम लगभग ₹78 तक पहुंच गए हैं इतने महंगे डीजल से किसान सिंचाई कैसे कर पाएगा ? जिले में नलकूप की व्यवस्था भी नहीं है।


उक्त बातें चंपारण किसान फाउंडेशन के संस्थापक एवं समाजसेवी गोविंद कुमार सिंह ने कही, साथ ही उन्होंने यह भी कहा मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण जिले के सभी प्रखंडों को जल्द से जल्द सूखाग्रस्त घोषित करें अन्यथा किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।


इन्हीं सब समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के चेयरमैन सरदार वी एम सिंह जी से चंपारण किसान फाउंडेशन के संस्थापक गोविंद कुमार सिंह दिल्ली में मिले। सरदार वी एम सिंह को देश के 207 किसान संगठन के समर्थन प्राप्त है और उन्होंने यह आश्वासन दिया कि चंपारण के किसानों की लड़ाई में वे शामिल होंगे और किसानों को हर संभव मदद करेंगे। वहीं किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए चंपारण किसान फाउंडेशन के संस्थापक गोविंद कुमार सिंह को भारतीय युवा शक्ति के राष्ट्रीय महासचिव सुजीत रमन सिंह एवं हजारों युवाओं का समर्थन है।

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