नीतीश के प्रशांत किशोर ने मोदी के अमित शाह को दी चुनौती, दम है जैसा कहा वैसा करके दिखाओ!

CAA, NRC और NPR पर विभिन्न राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया पर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

Update: 2020-01-22 06:44 GMT

नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020 (एनपीआर) के खिलाफ देशभर के विभिन्न राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया पर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार (22 जनवरी, 2020) सुबह जेडीयू उपाध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता है। ट्वीट में उन्होंने गृहमंत्री को चुनौती देते हुए आगे कहा,अमित शाह जी अगर आपको सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की परवाह नहीं तो आप आगे क्यों नहीं बढ़ते। उसी क्रम में सीएए और एनआरसी को लागू क्यों नहीं करते जैसी राष्ट्र के लिए इतनी दुस्साहसपूर्वक घोषणा की है।

दरअसल मंगलवार (21 जनवरी, 2020) को लखनऊ में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ। उन्होंने कहा, देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है।

अमित शाह के इसी बयान पर जेडीयू उपाध्यक्ष ने निशाना साधा। शाह विरोधी जेडीयू उपाध्यक्ष के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने भी खूब प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ यूजर्स ने जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। एक यूजर्स अवनीश कुमार सिंह ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा, अध्यक्ष राग दरबारी कर रहा है और जेडीयू उपाध्यक्ष विरोधी राग दरबारी गा रहा है। यह नहीं चलेगा श्रीमान जनता देख रही है। इसी तरह अभय पांडे लिखते हैं, ये नीतीश बाबू की सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। ये आगामी चुनाव के लिए दबाव की राजनीति का एक हिस्सा है और इसे सिर्फ प्रशांत किशोर का मुखौटा पहनाया गया है। विवेक साहू लिखते हैं, लोग तो शराबबंदी से भी नाखुश हैं, फिर नीतीश को बोल कर वापस करवा दीजिए

उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस को विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने के फैसले पर धन्यवाद किया। पूर्व में उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सीएए और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले के लिए पार्टी नेतृत्व को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। (भाषा इनपुट)

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