सिवान: (कुंज बिहारी)
ऐतिहासिक मौनीया बाबा मेला की तैयारी पूरी जार ली गई है। यह मेला लोगों के बीच अपनी एक अलग स्थान रखता है। मेले के आयोजन का यह 96वां वर्ष है। 29 अगस्त की रात्रि में मेला का उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद शहर में विभिन्न जगहों पर महावीर की पूजा अर्चना की जाएगी। शहर में जगह-जगह झांकी, प्रर्दशनी लगाई जाएगी,इसे देखने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। रात्रि 12.30 बजे शहर के विभिन्न मोहल्ले से अखाड़ों का प्रदर्शन किया जाएगा। 30 अगस्त की दोपहर 2 बजे से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के 25 अखाडों का प्रदर्शन होगा है। इसको लेकर शहर की साफ-सफाई, सड़क मरम्मत, चापाकल ठीक करने आदि का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिए गए हैं।
25 अखाड़ों का प्रदर्शन होता है आकर्षण का केंद्र
मेले में शहर के नागाजी का मठ, प्रधान अखाड़ा, काजी बाजार का अखाड़ा, मोहन बाजार का अखाड़ा, ग्रामीण क्षेत्रों में नवलपुर,पसनौली, रामापाली, अभुई, बेला गोविदापुर, पकवलिया,सवान, इंदौली, रुकुंदीपुर, करसौत, बंगरा, तेवथा, झझंवा सहित अनेक गांवों से अखाड़े निकाले जाते हैं। वहीं मौनिया बाबा स्थान पर यह मेला एक माह तक चलता है, इसमें मीना बाजार, झूला, मौत का कुआं, लकड़ी का दुकान लगाया जाता है।
तो यह है मेले का इतिहास :
1923 में सिद्ध पुरुष मौनिया बाबा उक्त स्थल पर जिदा समाधि लिए थे। प्रत्येक वर्ष भादों माह के चतुर्दशी को इस मेले का आयोजन होता है। संत के पराक्रम को याद रखने के लिए महाराजगंज व दारौंदा थाना क्षेत्र के 25 गांव के लोगों ने आपसी सौहार्द के साथ समाधि स्थल पर बैठकर मेला लगाने का निर्णय लिया था।
मेला को देखने के लिए पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, छत्तीसगढ़ से लोग आते हैं। मेले को शांतिपूर्ण कराने के लिए जिला प्रशासन से लेकर अनुमंडल प्रशासन लगा रहता है।मेला को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए जिले के सभी थाने के थानाध्यक्षों, बीडीओ, सीओ सहित
अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स, घुड़सवार फोर्स, महिला पुलिस बल की तैनाती की जाती है। साथ ही विभिन्न जगहों पर मेला नियंत्रण कक्ष बनाया जाता है।